ट्रंप से डील ना होने पर भड़के किम जोंग उन ने, मुलाकात कराने वाले को उतरवाया मौत के घाट

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उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग उन से जुड़े कई किस्से सामने आते रहे हैं जो

किम जोंग उन

उनके सनकी होने का सबूत माने जाते थे, लेकिन फिर उनकी ओर से शुरू किए गए शांति प्रयासों ने
कुछ छवि परिवर्तन किया। अब एक बार फिर ऐसी खबर आ रही जिसने सबके कान खड़े कर दिए हैं।
दक्षिण कोरिया के एक अखबार ने शुक्रवार को समाचार छापा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फरवरी में संपन्न दूसरे शिखर सम्मेलन के समापन के बाद
उत्तर कोरिया ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने विशेष दूत को मार दिया है।
दक्षिण कोरियाई अखबार चोसुन इल्बो ने बताया कि
किम ह्योक चोल जो हनोई में दोनों देशों के नेताओं की बैठक के सूत्रधार थे।
उन्हें सर्वोच्च नेता के साथ विश्वासघात करने के अपराध में फायरिंग दस्ते ने मार डाला।
चोल खुद किम के साथ निजी ट्रेन में गए थे। उन पर
अमेरिका के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था।
उनके अलावा एक वक्त किम जोंग उन के दाहिने हाथ माने जानेवाले किम योंग चोल को लेबर कैंप भेज दिया गया है।
ये कैंप जागांग प्रांत में है। किमसोंग ह्ये नाम की नेता को राजनैतिक कैदियों के कैंप में भेजा गया है।

सम्मेलन के दौरान किम जोंग उन के अनुवादक शिन ह्ये योंग को गलत अनुवाद करने के
अपराध में जेल भेजे जाने की भी जानकारी मिली है।
बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच जब बातचीत जारी थी तब
शिन ट्रंप को किम जोंग का प्रस्ताव समझाने में नाकाम रहीं।
सम्मेलन के बाद ट्रंप किसी भी डील की घोषणा किए बिना वहां से चले गए थे।

खबर के मुताबिक मार्च में मिरिम हवाई अड्डे पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था।
जिसमें किम ह्योक चोल के साथ चार अधिकारियों को भी मौत के घाट उतार दिया गया था।
अखबार ने अज्ञात स्रोत के हवाले से ये खबर छापी है। बताया गया है कि
किम ह्योक चोल अमेरिका के उत्तर कोरिया में विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बिगन के समकक्ष थे।

दक्षिण कोरिया का एकीकरण मंत्रालय जो
अंतर-कोरियाई संबंधों की ज़िम्मेदारी संभालता है।
अभी किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर रहा है। आपको बता दें कि
वियतनाम के हनोई में हुए सम्मेलन में किम जोंग उन और ट्रंप की मुलाकात हुई थी।
उम्मीद की जा रही थी कि दोनों देशों के बीच
परमाणु परीक्षण पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने को लेकर
कोई डील हो जाएगी लेकिन वो हुई नहीं। उ
त्तर कोरिया ने मई में दो छोटी दूरी की मिसाइल परीक्षण करने की मांग की थी।

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