मोदी सरकार में दोबारा वही मंत्रालय पाकर भड़की शिवसेना, बीजेपी लीडरशिप को भेजा संदेश

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मोदी सरकार में शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत को भारी उद्योग मंत्रालय मिलने से शिवसेना नाराज है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना के एक रणनीतिकार ने कहा कि
बीजेपी को अपने सबसे पुराने सहयोगी को कम से कम तीन कैबिनेट मंत्री का पद देना चाहिए था।
अगर ऐसा न भी हुआ तो कम से कम टेलिकम्युनिकेशन, स्वास्थ्य या
रेलवे जैसा कम से कम एक अहम मंत्रालय दिया जाना चाहिए था।
इसकी जगह पर शिवसेना को वही मंत्रालय मिला, जो उसे पिछली सरकार में भी मिला था।
बता दें कि बीते 21 साल में शिवसेना को केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्रालय 5 बार मिल चुका है।
सबसे पहले 1998 में बालासाहेब विखे पाटिल, फिर 1999 में मनोहर जोशी, 2004 में सुबोध मोहिते और
2014 से 2019 तक अनंत गीते को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।
गीते हालिया लोकसभा चुनाव हार गए और अरविंद सावंत को उनकी जगह यह जिम्मेदारी दी गई।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा,
‘हमने मंत्रालयों के बंटवारे को कोई मुद्दा नहीं बनाया क्योंकि इनका बंटवारा पीएम का विशेषाधिकार है।
उद्धव जी यहीं थे और उन्हें इसकी जानकारी थी।
इस संबंध में हमारा संदेश बीजेपी लीडरशिप को पहुंचाया जा चुका है।’
द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि
बीजेपी आलाकमान को भेजे गए संदेश में सेना की ‘चिंता’ से अवगत कराया गया है।
हालांकि, राउत ने पीएम मोदी के फैसले का बचाव भी किया। राउत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि
पूर्व में जिन पार्टियों को जो मंत्रालय दिए गए, उन्हें बरकरार रखा गया है।
हमें विश्वास है कि बीजेपी भविष्य में शिवसेना की लोकसभा में ताकत का ख्याल रखेगी।
मुझे नहीं लगता कि भारी उद्योग मंत्रालय अप्रासंगिक है।’
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बता दें कि इससे पहले, जेडीयू ने भी एक मंत्री बनाए जाने का ऑफर ठुकराते हुए
मोदी सरकार में हिस्सा न बनने का फैसला किया था।

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