दिल्ली महिला आयोग ने जीबी रोड पर चल रहे कोठों को बंद करने के लिए दिल्ली पुलिस और करोल बाग के एसडीएम को भेजा नोटिस

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने जीबी रोड पर चल रहे कोठों को बंद करने के लिए दिल्ली पुलिस और करोल बाग के एसडीएम को नोटिस भेजा है।
आयोग ने नोटिस में सन् 2000 से अब तक कोठों को बंद करने के लिए दिल्ली पुलिस और एसडीएम द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी मांगी है।

दिल्ली महिला आयोग ने

पिछले कुछ सालों में आयोग ने जीबी रोड पर छापा मारकर वहां से कई लडकियों को छुड़ाया है।
जीबी रोड पर खुलेआम गैरकानूनी गतिविधियां होने के बावजूद ये कोठे वहां चल रहे हैं।
अनैतिक मानव तस्करी रोकथाम कानून के अनुसार, जिस स्थान पर वेश्यावृति हो रही है, उस स्थान को बंद करने का आदेश देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होता है।
आयोग ने एसडीएम से जानकारी मांगी है कि 2000 से अब तक एसडीएम ने इस कानून के अनुसार कितने कोठे बंद करने का आदेश दिया है।
आयोग ने पूछा है कि पुलिस ने कितने मामलों में जीबी रोड के कोठों को बंद करने के लिए एसडीएम को लिखा है और कितने मामलों में पुलिस के सुझाव पर क्या कार्यवाही की गयी।
आयोग ने पूछा है कि कैसे सब के सामने गैरकानूनी गतिविधियां होने के बावजूद जीबी रोड पर ये कोठे अभी तक चल रहे है और
इन कोठों को बंद करने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं? साथ ही आयोग ने एसडीएम से पूछा है कि ये कोठे कब तक बंद किये जायेंगे?
आयोग ने एसडीएम दफ्तर को पुलिस और अन्य विभागों द्वारा कोठों को बंद करने के सुझाव और एसडीएम द्वारा उन सुझावों पर की गयी कार्यवाही की जानकारी मांगी है। आयोग ने बंद किये गए कोठे,
उनको बंद करने की तारीख, अगर कोठे दोबारा खोले गए हैं तो उनको खोलने की वजह, इत्यादि की जानकारी मांगी है।
साथ ही आयोग ने सुझावों पर अमल न होने की स्थिति में अमल न करने के कारणों की जानकारी मांगी है।
कोर्ट द्वारा किसी भी कोठे को बंद करने या दोबारा खोलने के आदेशों की प्रति भी आयोग ने एसडीएम दफ्तर से मांगी है। इसके अलावा आयोग ने पूछा है कि
कोठों को बंद करने के बाद वहां पर रहने वाली महिलाओं और लड़कियों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाये गए।
आयोग ने पुलिस से भी इस बारे में जानकारी मांगी है. आयोग ने पुलिस से सन् 2000 से अब तक जीबी रोड से बचायी गयी महिलाओं और
लड़कियों खासकर नाबालिग लड़कियों की जानकारी मांगी है। आयोग ने इन मामलों में दर्ज हुई FIR की जानकारी मांगी है।
आयोग ने पूछा है कि इन मामलों में से कितने मामलों में पुलिस ने एसडीएम को कोठे बंद करने के लिए लिखा और उस पर क्या कार्यवाही हुई।
साथ ही पुलिस द्वारा सुझाव न देने के कारणों की जानकारी मागी है। आयोग ने पूछा है कि पुलिस ने जीबी रोड पर वेश्यावृति को रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं?
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा, “यह बहुत ही दुःख और शर्म की बात है देश की राजधानी में संसद के बिलकुल पास में ही देह व्यापार का यह धंधा चल रहा है।
जीबी रोड की अंधेरी कोठियों में रोजाना कई बच्चियों के साथ बलात्कार किया जाता है। इन कोठों के चलने में पुलिस और दूसरे विभागों की भूमिका काफी संदिग्ध है।
सभी लोगों की आंखों के सामने यह गैरकानूनी काम होने के बावजूद ये कोठे चल रहे हैं।
इन को बंद किया जाना बहुत जरूरी है. महिला आयोग तब तक शांत नहीं बैठेगा जा तक ये कोठे बंद नहीं होते और इनमे महिलाओं का पुनर्वास नहीं होता।”

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