कोलकाता: हड़ताल के बीच 100 डॉक्टर्स ने दिया इस्तीफा, अबतक 28 मरीजों की मौत; हाई कोर्ट ने डॉक्टर्स को याद दिलाई शपथ

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कोलकाता। डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते पश्चिम बंगाल में अब तक 28 मरीजों की मौत हो चुकी है. इन मृतकों में तीन बच्चे भी हैं. इसके बावजूद डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. डॉक्टर्स ने काम पर जाने से इनकार कर दिया है. राज्य के अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा बंद है, मरीजों की ऑक्सीजन भी नहीं दिया जा रहा है. इन सबके बीच बढ़ती मौतों के आंकड़ों ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोलकाता के सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सोमवार की रात एक मृत मरीज के परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टर्स पर हमला किया था. इस घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गुस्सा है, डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स को उनके शपथ की याद दिलाई है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा है कि डॉक्टर्स ने हर एक स्थिति में समाज की सेवा करने की शपथ ली है. उन्हें इस शपथ को ध्यान में लाना चाहिए. बेंच ने साथ ही राज्य सरकार को इस मामले में रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है. कोर्ट का कहना है कि मामले की एक फुल रिपोर्ट सबमिट की जाए.
पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के 100 डॉक्टर्स के इस्तीफा देने की खबर है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डॉक्टर्स के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की है. हालांकि हड़ताल कब खत्म होगी, इस बारे में अबतक कुछ नहीं कहा जा सकता.
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल हाल है. मरीज अस्पताल के बाहर में डॉक्टरों के इंतजार में परेशान हैं। एक मरीज को चक्कर आ गया। साहिबाबाद से मालती देवी अपने ऑपरेशन का टांका कटवाने आयी थीं लेकिन उन्हें वापस जाना पड़ रहा है।
मरीजों की शिकायत है कि सुबह से पर्चा बनने के बाद वह इस बात के इंतजार में हैं कि कब डॉक्टर देखेंगे. मरीजों की शिकायत यह भी है कि यदि उन्हें पता होता तो आज वह आते ही नहीं। एक मरीज ने अपने अजीज के मरने की भी बात कबूली और कहा कि इलाज नहीं होने की वजह से मौत हुई है।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) से संबद्ध डॉक्टरों ने राज्य के सभी 26 सरकारी अस्पतालों में मरीजों को देखना बंद कर दिया है. एमएआरडी के महासचिव दीपक मुंडे ने कहा है कि सभी डॉक्टर सुबह 8 बजे से 5 बजे तक अपनी सेवा बंद रखेंगे।

इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन को यह सूचित कर दिया गया है कि किसी भी तरह से मरीजों को कोई परेशानी न हो और अन्य सेवा बाधित न हो।
दूसरी तरफ, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों पर ही हमलावर हैं। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा।
बंगाल में चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल का असर अब देश के अन्य राज्यों में भी पड़ने लगा है. दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में डॉक्टर्स ने काम करने से इनकार कर दिया है। कई शहरों में डॉक्टर सड़क पर उतर आए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स पर हुए हमले के विरोध में मध्य प्रदेश का चिकित्सा अधिकारी संघ भी मुखर हो गया है. पूरे देश में डॉक्टर्स के लिए एक समान प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग की है। साथ ही अस्पतालों में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने की मांग रखी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर्स ने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में प्रोटेस्ट किया है।

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