रेलवे ने ट्रेनों में मसाज का प्रस्ताव लिया वापस

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नई दिल्ली। चलती ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा पर शुरू होने से पहले ही विराम लग गया है. दरअसल इस योजना का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है।

ट्रेनों में मसाज

जानकारी के मुताबिक यह कदम पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और इंदौर शहर से भाजपा सांसद शंकर लालवानी के रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे गए पत्रों के बाद उठाया गया।
जिनमें खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा और सहजता का हवाला देते हुए इस योजना पर सवाल उठाये गये थे।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से चलने वाली 39 रेलगाड़ियों में मालिश सेवा का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है।
पश्चिम रेलवे जन प्रतिनिधियों, रेल उपभोक्ताओं और जनता से मिले तमाम सकारात्मक सुझावों का सम्मान करता है।
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मालिश सेवा की इस बहुचर्चित योजना को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल को शुक्रवार को पत्र लिखकर कुछ प्रश्नों के जवाब मांगे थे।
1. क्या वास्तव में रतलाम रेल मंडल द्वारा यात्रियों के लिए चलती रेल गाड़ी में कोई मसाज की सुविधा कराई जाने वाली है.? क्या इस नीतिगत निर्णय को मंत्रालय की स्वीकृति है?
2. इस प्रकार की सुविधा के लिए चलती रेलगाड़ी में किस तरह व्यवस्था की जाएगी, क्योंकि इसमें यात्रियों विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा एवं सहजता के संबंध में कुछ प्रश्न हो सकते हैं?
3. क्या इंदौर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मसाज पार्लर खोले जाने का भी कोई प्रस्ताव है?
4. यदि लंबी दूरी की ट्रेनों में एसी कोई सुविधा उपलब्ध होने जा रही है, तो उसकी दर, अवधि इत्यादि क्या होगी?
इससे पहले इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने रेलमंत्री को पत्र में लिखा था, “मुझे आश्‍चर्य है कि चलती गाड़‍ियों में अन्‍य यात्री विशेषकर महिलाओं के समक्ष इस प्रकार की सुविधा उपलब्‍ध कराना भारतीय संस्‍कृति के मानकों के अनुरूप होगा क्‍या?
यात्रियों को मेडिकल सुविधा, डॉक्‍टर की उपलब्‍धता आदि अन्‍य आवश्‍यक सेवाओं के स्‍थान पर इस तरह की स्‍तरहीन व्‍यवस्‍थाओं का मेरे मत में कोई औचित्‍य प्रतीत नहीं होता है।”
भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने चलती ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा देने की योजना बनायी थी। हालांकि, इसे शुरू करने की तारीख की घोषणा नहीं की गयी थी।
रतलाम रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत प्रस्ताव था कि चलती ट्रेनों में सुबह छह से रात 10 बजे के बीच यात्रियों को सिर और पैर की मालिश की सुविधा दी जायेगी।
इस सेवा के बदले यात्रियों से 100 रुपये, 200 रुपये और 300 रुपये की तीन अलग-अलग पैकेज श्रेणियों में शुल्क लिया जाना तय किया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित मालिश सेवा के लिये एक निजी एजेंसी से करार किया गया था. इस सेवा से रेलवे के खजाने में सालाना 20 लाख रुपये जमा होने की उम्मीद थी।

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