सिख चालक की पिटाई पर फूटा लोगों का आक्रोश, तनाव के हालात

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मुखर्जी नगर इलाके में ग्रामीण सेवा चालक से मारपीट के मामले में सोमवार देर रात लोगों ने फिर से थाने का घेराव किया। गुस्साये लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। उनकी मांग थी कि
सरबजीत सिंह की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों को उनके हवाले किया जाए। देर रात मौके पर पहुंचे शिरोमणि अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ भी थाने पर जमा लोगों ने धक्का-मुक्की की।
आक्रोश बढ़ता देखकर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। इससे पूर्व थाने में सीआरपीएफ की दो कंपनियां पहले से मौजूद थीं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन भीड़ किसी भी तरह मानने को तैयार नही थी। देर रात तक उन्हें शांत कर घर भेजने का प्रयास कर रही थी।

जैसे ही इलाके के लोगों को पता चला कि रविवार हुए बवाल के बाद पुलिस ने सरबजीत के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है तो उनका गुस्सा भड़क गया।

देर रात बड़ी संख्या में लाठी-डंडे लिए भीड़ थाने के बाहर जमा हो गई। लोगों ने दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। उन्होंने सड़क के दोनों ओर जाम लगा दिया।

मामले की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दोबारा मुखर्जी नगर पहुंच गए। देर रात को भीड़ को मनाने का प्रयास जारी थे, लेकिन

भीड़ पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूरे हालात में नजर रखे हुए थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी में सिख टेम्पो चालक द्वारा एक पुलिसकर्मी पर तलवार से हमला तथा
बाद में पुलिसकर्मियों द्वारा उसकी पिटाई के मामले को लेकर उपजे राजनीतिक विवाद के बीच दिल्ली पुलिस से मामले में जवाब तलब किया है ।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल अनिल बैजल से चालक को पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना को शर्मनाक करार दिया है ।
मुखर्जी नगर में ग्रामीण सेवा चालक  की पिटाई के मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। अकाली दल, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भाजपा भी इसमें कूद गई है।
सभी ने घटना की निंदा करते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने पुलिस के पक्ष में बयान जारी किया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सांसद संजय सिंह ने पीड़ित सरबजीत सिंह से मुलाकात कर केंद्र सरकार,

उपराज्यपाल व पुलिस आयुक्त से मामले में हस्तक्षेप कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मुखर्जी नगर में रविवार देर रात ही हालात बेकाबू हो गए थे। भीड़ ने थाने के बाहर एक मिनी बस में तोड़फोड़ करने के अलावा दिल्ली पुलिस के एसीपी केजी त्यागी पर हमला कर दिया था।
भीड़ ने उनको जमीन पर गिराकर बुरी तरह पीटा। एसीपी थाने के बाहर जमा हुई भीड़ को बताने का प्रयास कर रहे थे कि
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
मुखर्जी नगर में सोमवार को दिनभर चले हंगामे के बीच दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मधुर वर्मा ने शाम को पुलिस मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर केस की प्रगति पर जानकारी दी।
मधुर ने बताया कि मामले में क्रॉस केस दर्ज किया गया है। पुलिसकर्मियों की ओर से सरकारी काम में बाधा, ड्यूटी के दौरान हमला करने संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, ग्रामीण सेवा चालक की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हमला करने का मामला दर्ज किया गया है।
मधुर ने बताया कि दोनों पक्षों की एमएलसी की रिपोर्ट लंबित है। इसके बाद मामले में और भी धाराएं जोड़ी जाएंगी।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, बवाल में एक एसीपी समेत कुल आठ पुलिसकर्मी और पिता-पुत्र जख्मी हुए हैं।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि धर्म विशेष से जुड़ा होने के कारण मामले को निपटाने में पूरी सावधानी बरती गई।
इसके बाद भी रात गहराते ही इसका राजनीतिकरण होता गया। समुदाय के नेता भी थाने के बाहर इकट्ठा हो गए।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने समुदाय से संबंध रखने वाले पुलिस अधिकारियों को बुलाकर समझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी बात मानने को तैयार नही हुआ।
सोमवार को भी हंगामा जारी रहा। सोमवार दोपहर के समय समुदाय के लोगों ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर उचित कार्रवाई की मांग की।
उस समय भी वहां समुदाय से संबंध रखने वाले पुलिस उपायुक्त और अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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