कानपुर: उपचुनाव नहीं लडे़गी शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी
कानपुर। लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर होने वाला उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक 2022 विधानसभा से पहले प्रसपा संगठन को मजबूत करने का काम जुटेगी।
इसके लिए पार्टी के मुखिया के शिवपाल सिंह यादव वरिष्ठ पदाधिकारियों और नेताओं के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं।
प्रसपा के सूत्रों के मुताबिक आने वाले विधानसभा चुनाव में सपा और भाजपा को कैसे चुनौती देनी है इस पर भी रणनीति तैयार की जा रही है।
संगठन को मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया और एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी। लोकसभा चुनाव में प्रसपा का खाता भी नहीं खुला है। पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव खुद भी अपनी सीट नहीं बचा पाए।
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उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उपविधान सभा चुनाव होने है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नेता और मुखिया उपविधान सभा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। हाल ही में 10 जून से 13 जून तक प्रसपा की संपन्न हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी।
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प्रसपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पार्टी को लोकसभा चुनाव से बहुत कुछ सीखने को मिला है । प्रसपा का पूरा फोकस आने वाले विधानसभा चुनाव पर है। चुनाव की तैयारियों के लिए पार्टी गुणवत्ता युक्त राजनीति पर काम किया जा रहा है। जनता के बीच पैठ बनाने का हमारे पास सुनहरा मौका है । इसके लिए एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी। शहरी और ग्रामीण इलाकों में पार्टी खुद को पार्टी कैसे प्रेजेंट करेगी , जनता के बीच कैसे भरोसा बनाया जाए इस पर काम किया जा रहा है।
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सूत्रों के मुताबिक प्रसपा घर-घर जाकर कार्यकर्ता बनाने का काम करेगी। जिसमें युवा, युवतियां और महिलाओं को प्रमुखता दी जाएगी। इसके साथ ही बुजुर्गो को मार्गदर्शक के पद पर रखा जाएगा। संगठन को बूथ स्तर तक ले जाने और जिम्मेदार लोगों को तैनात करने की योजना है।
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इसके साथ ही प्रसपा विधानसभा चुनाव से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में एक बड़ा सोशल नेटवर्क तैयार करेगा। इस सोशल नेटवर्क को एक्सपर्टो की टीम हैंडल करेगी। प्रदेश की सभी विधानसभाओं से लेकर बूथ स्तर काम किया जाएगा।