केदारनाथ में फिर तबाही का खतरा? प्रशासन हुआ अलर्ट, जांच-दौरे शुरू

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प्रशासन ने कड़ी मेहनत के बाद केदारघाटी को दोबारा ‘जीवित’ कर दिया, लेकिन

केदारनाथ में

6 साल बाद उस त्रासदी की असल वजह चोराबाड़ी झील के दोबारा पुनर्जीवित होने का दावा किया जा रहा है।
ऐसी खबरें सामने आने के बाद डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिलीफ फोर्स (डीडीआरएफ) की एक टीम ने चोराबाड़ी ताल का दौरा किया और
झील होने से इनकार कर दिया है। देहरादून स्थित वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि
इस बार केदारघाटी से 5किलोमीटर ऊपर एक झील बन रही है। हालांकि,
उन्होंने भी चोराबाड़ी में झील बनने की बात से इनकार किया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केदारनाथ में फिर तबाही का खतरा मंडराने लगा है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, केदारघाटी में स्वास्थ्य कैंप चला रहे डॉक्टरों ने केदारनाथ धाम से करीब 5 किलोमीटर ऊपर ग्लेशियर में एक झील बनने का दावा किया।
उनका कहना था कि केदारघाटी में एक बार फिर चोराबाड़ी झील एक्टिव हो रही है।
डॉक्टरों ने बताया कि यह झील चोराबाड़ी ताल के ही दूसरे हिस्से में बन रही है और धीरे-धीरे बड़ी हो रही है,
जिससे केदारनाथ में फिर तबाही का खतरा मंडराने लगा है।
यह खबर मिलते ही देहरादून स्थित वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की टीम एक्टिव हो गई।
वाडिया इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों का कहना है कि चोराबाड़ी झील विकसित नहीं हुई है।
 2013 में आई विनाशकारी आपदा के बाद चोराबाड़ी झील पूरी तरह नष्ट हो गई थी और उसकी जगह समतल भूमि दिखाई देने लगी थी।
ऐसे में उसके दोबारा एक्टिव होने का सवाल ही नहीं है। बता दें कि डॉक्टरों की टीम ने 16 जून को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और
जिला प्रशासन की एक टीम के साथ चोराबाड़ी झील का दौरा किया था। उनका दावा है कि
यह झील दोबारा पानी से भर गई है। यह झील करीब 250 मीटर लंबी और 150 मीटर चौड़ी बताई जा रही है।
बता दें कि 2013 में आई आपदा के लिए केदारनाथ से 2 किलोमीटर ऊपर बनी चोराबाड़ी झील को जिम्मेदार बताया गया था।
इस बार धाम से करीब 5 किलोमीटर ऊपर झील बन रही है, जो ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है।
हालांकि, प्रशासन एक बार फिर गंभीरता से नहीं ले रहा है। उनका कहना है कि ग्लेशियर में झील बनना आम बात है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, केदारनाथ से ऊपर झील बनने की खबर मिलने के बाद डीडीआरएफ की टीम ने भी सर्वे किया।
डीडीआरएफ ने चोराबाड़ी में किसी भी तरह की झील बनने से साफ इनकार किया है।
उनका कहना है कि ताल क्षेत्र में कोई झील नहीं बन रही।
डॉक्टरों ने जिस झील का जिक्र किया है, वह ग्लेशियर क्षेत्र में है। केदारनाथ को चोराबाड़ी से कोई खतरा नहीं है।

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