भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने 6 महीने पहले ही अपने कार्यभार से इस्तीफा दे दिया है। आचार्य ने 23 जनवरी, 2017 को तीन साल के लिए आरबीआई के अहम पद को संभाला था।
बिजनस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक पद छोड़ने के पीछे उन्होंने व्यक्ति कारण बताया है। अब वह वापस अमेरिका जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनस (NYU Stern) में वीरल आचार्य अब अध्यापन का काम करेंगे।
गौरतलब है कि उदारीकरण के बाद विरल आचार्य डिप्टी गवर्नर बनने वाले सबसे कम उम्र के शख्स थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में ही
उन्होंने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद पद छोड़ने की मंशा जाहिर कर दी थी। हालांकि, आचार्य के इस्तीफे के कारणों के संदर्भ में आरबीआई ने कोई जानकारी नहीं दी है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक आरबीआई ने कहा, “अभी तक इस मसले पर हमारी कोई भी आंतरिक बातचीत नहीं हुई है।”
अब जब विरल आचार्य महत्वपूर्ण पद छोड़ कर जा रहे हैं, ऐसे में जिम्मेदारी अति वरिष्ठ डिप्टी गवर्नर एन विश्वनाथन के कंधों पर आ सकती है।
गौरतलब है कि विश्वनाथन अगले महीने रिटायर होने वाले हैं। लेकिन, माना जा रहा है कि अब उन्हें रोका जा सकता है। उल्लेखनीय है कि
26अक्टूबर, 2018 को वीरल आचार्य ने 90 मिनट का एक लंबा भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने सेंट्रल बैंक की स्वायत्तता कायम रखने पर जोर दिया था।
उन्होंने इस दौरान आगाह किया था कि अगर आरबीआई की स्वायत्तता से खिलवाड़ हुआ तो बाजार के प्रकोप का हर्जाना देश को भुगतना पड़ेगा।