राजस्थान: रामकथा पंडाल हादसे में दो सिपाहीयों की सूझबूझ से बची सैकड़ों जानें, सीएम गहलोत ने दी शाबाशी

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राजस्थान/बाड़मेर। बालोतरा इलाके में रविवार को रामकथा के दौरान आंधी-बारिश से पंडाल गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई।

रामकथा पंडाल हादसे

बताया जा रहा है कि ज्यादातर मौत पंडाल में करंट फैलने से हुईं। आशंका है कि हादसे में मृतकों का यह आंकड़ा बढ़ सकता था अगर
वहां मौजूद दो कांस्टेबलों गोमाराम और दौलाराम ने हिम्मत और सूझबूझ से काम नहीं लिया होता।
इन्होंने नंगे हाथों से बिजली का तार खींचकर अलग किया। सोमवार को घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों कांस्टेबल से मुलाकात की और उन्हें शबाशी देते हुए पीठ थपथपाई।
दोनों कांस्टेबल ने बताया कि सब कुछ दो से तीन मिनट के भीतर हो गया। वह कहते हैं कि अगर ऑटो जेनरेटर को बंद नहीं करते तो शायद हालात और भी भयानक हो सकते थे।
  • ‘कांस्टेबल गोमाराम व दौलाराम ने बताया कि वे दोनों बाड़मेर के बालोतरा थाने की जसोल पुलिस चौकी पर तैनात हैं। 22 जून से हाईस्कूल ग्राउंड में शुरू हुई रामकथा में उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। वे 23 जून को दोपहर करीब 3:15 बजे पंडाल में सबसे पीछे लगी कुर्सियों पर बैठे थे। इसी बीच तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हुई।
  • ‘करीब 15 मिनट बाद ही अचानक आंधी तेज हो गई और भीषण प्रवाह से अंधड़ पंडाल में घुस गया। इससे लोहे के एंगल पर बना पंडाल हवा में करीब 10 से 15 फीट ऊंचा उठ गया और पास ही ग्राम पंचायत की बिल्डिंग से टकराया।
  • ‘गोमाराम ने बताया कि यह देखकर वह अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ बाहर आ गया। इसी बीच पंडाल ढहकर गिर गया। तब करीब 500-700 लोग पंडाल में थे। इनमें पीछे बैठे 20-25 लोग तुरंत निकल कर बाहर आ गए। बारिश के चलते मैदान में चारों तरफ पानी भर गया। इस बीच बिजली कट गई।’
  • ‘लेकिन वहां लगे दो ऑटो स्टार्ट जनरेटर्स में से एक जनरेटर चालू हो गया। इससे पंडाल परिसर में करंट फैल गया। जब उन्होंने पंडाल में गिरे कुछ लोगों को उठाने की कोशिश की तो उन्हें भी करंट के झटके लगे। इससे वे उन्हें उठा नहीं सके। वहां चीख पुकार मची थी।’
  • दौलाराम ने बताया ‘सैंकड़ों लोग आंखों के सामने तड़प रहे थे। मैंने तत्काल साथी पुलिसकर्मी गोमाराम से जनरेटर की बिजली काटने को कहा। ताकि करंट रुक जाए। तब गोमाराम ने कहा कि उसे भी जनरेटर बंद करना नहीं आता।’
  • गोमाराम ने बताया कि किसी भी तरह से लोगों को करंट से बचाना जरुरी था। ऐसे में दोनों ने जान हथेली पर रखकर बहादुरी दिखाते हुए वहां मदद में जुटे स्थानीय युवक अक्षय को साथ लिया। तीनों ने हिम्मत दिखाते हुए ऑटो स्टार्ट जनरेटर के तारों को खींचा।
  • ‘बारिश से तार भी गीले थे। लेकिन उन पर प्लास्टिक का कवर लगा था। इससे तार टूटकर जनरेटर से अलग हो गए और बिजली का करंट बंद हो गया।’ इसके बाद दौलाराम ने साथी गोमाराम से थाने और अधिकारियों को फोन करने को कहा। इसी बीच दौलाराम पंडाल में गिरे लोगों को कंधे पर उठाकर बाहर दौड़ने लगा।
  • इस बीच कुछ अन्य युवक भी दोनों सिपाहियों की मदद को जुट गए। वहां टैक्सी स्टैंड पर मौजूद टैक्सी चालक आ गए। जिन्होंने अपनी गाड़ियों से घायलों को पंडाल से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। कुछ देर बाद प्रशासनिक अमला और काफी लोग पहुंच गए।
बातचीत के दौरान दोनों कांस्टेबल ने कहा कि सबकुछ इतनी तेज हुआ कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। क्या करें, क्या न करें।
तकलीफ है कि हादसे में 15 लोगों की जान चली गई। लेकिन, इस बात की मन में थोड़ी बहुत संतुष्टि भी है कि हम कुछ ऐसा कर पाए जिससे शायद कई लोगों की जिंदगी बच गई।

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