भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर में निगम अफसर की बैट से पिटाई करने के मामले में आरोपी भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को जमानत मिल गई। इंदौर कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद
उन्होंने भोपाल की विशेष अदालत में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। इस कोर्ट में विधायकों और सांसदों के मामलों की सुनवाई होती है।
इंदौर जेल सुपरिंटेंडेंट अदिति चतुर्वेदी के मुताबिक, शाम तक जमानत के आदेश की हार्ड कॉपी नहीं मिली तोरविवार को रिहाई होगी।
कोर्ट ने शुक्रवार कोइंदौर से केस से जुड़े दस्तावेज मंगवाने के आदेश देते हुए सुनवाई के लिए शनिवार का दिन तय किया था। आकाश के खिलाफ दूसरा मामला बिजली कटौती को लेकर बिना अनुमतिप्रदर्शन से जुड़ा था।
पुलिस ने इस मामले मेंशुक्रवार को जेल में ही उनकी गिरफ्तारी की थी। जज सुरेश सिंह दोनों मामलों में दलीलें सुनने के बाद आकाश को 70 हजार रु के मुचलके पर जमानत दे दी।
भाजपा विधायक के वकीलों ने कहा कि जिस महिला का मकान तोड़ा जा रहा था वह घटना वाले दिन ढाई बजे निगम अफसरों के खिलाफ बदसलूकी करने की रिपोर्ट लिखवाने गई थी। उसकी सुनवाई नहीं हुई तो विधायक वहां पहुंचे।
पुलिस ने जनप्रतिनिधि की बात सुनने के बजाए उनके खिलाफ ही केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। जबकि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ ऐसे मामलों में जांच होनी चाहिए। उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए।
अफसर से मारपीट के केस में आकाश को 26 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में इंदौर जेल भेज दिया था। इसके अगले दिन उन्होंने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी।
यहां से केस एससी/एसटी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद आकाश के वकील ने भोपाल कोर्ट में याचिका दाखिल की।
26 जून को निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस टीम के साथ जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान आकाश वहां आए और टीम को बगैर कार्रवाई के लिए जाने के लिए कहा। लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी और आकाश ने बैट से अधिकारी की पिटाई की थी। शुक्रवार को बायस की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।