भाजपा की कुनीतियों के चलते आज के युवाओं के सपने तोड़े जा रहे हैं: अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि
आज का युवा ही कल का भविष्य है, वही परिवर्तन का अग्रदूत बनता है लेकिन
भाजपा की कुनीतियों के चलते उसके सपने तोड़े जा रहे हैं।
देश की युवा शक्ति को गुमराह करने के लिए भाजपा सरकारें तमाम साजिशें कर रही हैं।
ऐसी परिस्थिति पैदा की जा रही है कि नौजवान शिक्षा और रोजगार से वंचित रहे।
इसके लिए प्राथमिक तौर पर विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया जा रहा है,
छात्र-छात्राओं का उत्पीड़न कर उन्हें समाज और राष्ट्र की मुख्यधारा से अलग रखने का षडयंत्र हो रहा है।
भाजपा सरकार ने लखनऊ, इलाहाबाद, बनारस, गोरखपुर के विश्वविद्यालयों में छात्रसंघों को
निष्क्रिय बनाने के साथ वहां शैक्षिक अव्यवस्थाओं पर उंगली उठानेवाले छात्र-छात्राओं को
फर्जी मुकदमों में फंसाने के साथ उनका परिसर में प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया है।
उनके शैक्षिक जीवन को बर्बाद करने के हथकंड़े अपनाए जा रहे हैं।
शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर छात्र-छात्राओं को जेल की यातनाएं दी जा रही है।
विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ लोकतंत्र की नर्सरी के तौर पर काम करते रहे हैं।
देश के तमाम बड़े नेता, प्रशासक, शिक्षाविद तथा चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन्हीं की देन हैं।
लोकतंत्र का पहला पाठ यहीं पढ़ा जाता है। छात्रसंघों के पीछे स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर
कई बुनियादी मुद्दों पर संघर्ष का स्वर्णिम इतिहास रहा है।
भाजपा सरकार ने लिंगदोह समिति की सिफारिशों का बहाना लेकर विश्वविद्यालयों में छात्रसंघों के अस्तित्व को ही समाप्त करने का काम किया है जो
लोकतंत्र की हत्या के समान है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ का इतिहास 97 वर्ष पुराना है।
राजनेता श्री नारायण दत्त तिवारी, श्री हेमवती नंदन बहुगुणा से लेकर संसदीय विशेषज्ञ श्री सुभाष कश्यप वहीं की देन है।
छात्रसंघ लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं।
एक आम छात्र भी छात्रसंघ की सीढ़ियां चढ़कर सर्वोच्च पदों तक की छलांग लगाने का अवसर पाता है।
भाजपा उसकी प्रगति पर रोक लगाने जा रही है।
संसद से सड़क तक अभी एक सप्ताह भी नहीं गुजरा है जब लोकतंत्र की दुहाई देने वाले आपातकाल की चर्चा कर रहे थे।
छात्रसंघों पर प्रहार लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सपनों को भी तोड़ना है।
युवा शक्ति की ताकत पर ही लोकनायक ने सम्पूर्ण क्रांति का सपना संजोया था।
समाजवादी पार्टी विश्वविद्यालयों की स्वायसत्ता के साथ छात्रसंघों की अनिवार्य उपस्थिति की पक्षधर रही है।
छात्रसंघों के माध्यम से देश में परिवर्तन की उठने वाली लहरों की पहचान होती है।
युवावर्ग की उम्मीदों-आकांक्षाओं को भी यहीं से रास्ता मिलता है।
इस युवाशक्ति के रास्ते में रोड़े अटकाकर और उसे उत्पीड़न का शिकार बनाकर भाजपा वस्तुतः
युवाशक्ति के मनोबल को तोड़ने और उन्हें अराजक राजनीति में ढकेलने का निंदनीय कार्य कर रही है।
नौजवानों के भविष्य से खेलना भाजपा के लिए आत्मघाती गोल करने जैसा साबित होगा।
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