सब्सिडी खत्म करने के बाद भी, हज कराने में मोदी सरकार ने तोड़ा मनमोहन सरकार का रिकॉर्ड

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नई दिल्ली। हज कराने के मामले में मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह सरकार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

हज कराने में

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हज से जुड़े आंकड़ों की जानकारी दी।
मुख्तार अब्बास नकवी ने यह भी बताया है कि ये यात्री बिना किसी आर्थिक मदद के हज पर जाएंगे।
हज यात्रा पर मोदी सरकार पहले ही सब्सिडी खत्म कर चुकी है। ऐसे में यात्रियों की संख्या में यह बढ़ोत्तरी अहम मानी जा रही है।
संसद में प्रश्नकाल के दौरान केरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद पीके कुनहालिकुट्टी ने हज कोटे को लेकर 4 जुलाई को सरकार से सवाल पूछा था।
उनका सवाल था कि क्या केंद्र सरकार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की यात्रा के बाद 2019 के लिए अतिरिक्त कोटा मिला है, अगर हां तो इसका ब्यौरा क्या है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जवाब देते हुए बताया कि अब कोटा बढ़ गया है।
उन्होंने बताया कि 2013 में (तब मनमोहन सिंह सरकार) भारत को आवंटित हज कोटा 1,36,020 था. पिछले पांच वर्षों के दौरान इस कोटे में 63, 980 की बढ़ोत्तरी हुई है।
सरकार की ओर से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया कि इस वर्ष यानी 2019 में बिना किसी आर्थिक मदद के दो लाख यात्री हज पर जाएंगे।
मुख्तार अब्बास नकवी ने यह भी बताया कि भारत के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड संख्या है।
मंत्री नकवी ने बताया कि दो लाख तीर्थ-यात्रियों के कुल कोटे में से 1 लाख 40 हजार का कोटा भारतीय हज समिति को और 60 हजार यात्रियों का कोटा हज समूह आयोजकों को दिया गया है।
जिन्हें पहले निजी टूर ऑपरेटर (PTO) के रूप में जाना जाता था। सरकार ने बताया कि 60,000 के इस आवंटन में दस हजार सीटें भारतीय हज समिति की दरों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दी जाएंगी।

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