लखनऊ: CBI की FIR के आधार पर चीनी मिल घोटाले में ईडी ने दर्ज किया केस
लखनऊ। बसपा सरकार के दौरान 1100 करोड़ रुपए के चीनी मिल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी केस दर्ज कर लिया है।
हाल ही में 21 सरकारी चीनी मिलों की बिक्री से जुड़े मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया था। ईडी ने सीबीआई द्वारा इस मामले में दर्ज की गयी एफआईआर के आधार पर ही आरोपितों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने यह कार्रवाई की है। बसपा सरकार में 21 सरकारी चीनी मिलों को औने-पौने दामों में बेचने में हुए करीब 1100 करोड़ रुपए के घोटाले का केस राजधानी स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने विगत 26 अप्रैल को दर्ज किया था।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 अप्रैल 2018 को चीनी मिल घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी। आरोप है कि बसपा सरकार में 21 चीनी मिलों को औने-पौने दामों में बेचकर करीब 1100 करोड़ का घोटाला किया गया था। चीनी निगम की 10 संचालित व 11 बंद पड़ी चीनी मिलों को वर्ष 2010-2011 में बेचा गया था।
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सीबीआइ लखनऊ की एंटी करेप्शन ब्रांच ने इसी वर्ष अप्रैल माह में चीनी मिल घोटाले का केस दर्ज किया था। सीबीआइ ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में सात नवंबर 2017 को दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाते हुए सात चीनी मिलों में हुई धांधली में रेगुलर केस दर्ज किया था, जबकि 14 चीनी मिलों में हुई धांधली को लेकर छह प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की गईं थीं।
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मंगलवार को सीबीआई ने चीनी मिल घोटाले में बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रमुख सचिव रहे पूर्व आइएएस अधिकारी नेतराम व बसपा सरकार में चीनी मिल निगम संघ के एमडी रहे विनय प्रिय दुबे (अब सेवानिवृत्त) के घरों समेत 14 ठिकानों में छापेमारी की थी।
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पूर्व एमएलसी इकबाल के दो बेटे मु.जावेद व वाजिद के ठिकानों को भी सीबीआइ ने खंगाला था। चीनी मिल घोटाले में जावेद व वाजिद नामजद आरोपित हैं। चीनी मिले खरीदने वाली दो फर्मो के संचालकों की संपत्तियां भी ईडी के निशाने पर होंगी। ईडी खासकर घोटाले की रकम से जुटाई गई संपत्तियों का ब्योरा खंगालेगी।