पर्यावरण संतुलन बिगड़ने के मामले को लेकर सख्त हुआ हाइकोर्ट, योगी सरकार से मांगा जवाब

0
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शहर में हजारों की संख्या में पेड़ काटने और पर्याप्त संख्या में न लगाने के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ने के मामले को लेकर सख्त रुख अपनाया है।
इस मामले को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा है कि वह शहर में पेड़ लगाने व उनके सुरक्षा उपायों को लेकर जवाब दाखिल करे। याचिका की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल और न्यायमूर्ति आर आर अग्रवाल की खंडपीठ ने छात्रा ज्योति वर्मा की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है।
इस मामले में कोर्ट ने अधिवक्ता मनु खरे को न्यायमित्र नियुक्त किया है और कहा है कि वह शहर में लगे पेड़ों का निरीक्षण कर सुरक्षा उपायों के साथ अपनी रिपोर्ट पेश करें।
कोर्ट ने कहा कि एक निगरानी कमेटी बनाकर लगे पेड़ों की सुरक्षा निगरानी की जाए। केंद्र सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी से कोर्ट ने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ लगाने व उनकी सुरक्षा करने का फंड बनाने का आदेश दिया है, इस संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी दी जाए।
सरकारी वकील ने बताया कि शहर में 35 सौ पेड़ काटे गए हैं और काफी संख्या में लगाये भी गए हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि पेपर रिपोर्ट में एक लाख पेड़ काटे जाने का जिक्र है।
जो पौधे लगाए गए हैं उनमें से 70 फीसदी सुरक्षा व् देखभाल न होने के कारण सूख गए हैं। ऐसा निगरानी तंत्र बनाए जिससे पेड़ों की सुरक्षा हो सके।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More