इलाहाबाद से आई युवती ने लव मैरिज करने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल किया वीडियो

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भोपाल। इलाहाबाद से आई एक युवती का भोपाल में लव मैरिज करना परिजनों को नागवार गुजर रहा है।
उप्र पुलिस के साथ आए परिजनों ने शनिवार को युवक के घर हंगामा किया। इससे युवक की मां की तबीयत बिगड़ गई।

लव मैरिज करने

परिजन अड़े हैं कि उन्हें बेटी से मिलने दिया जाए, लेकिन युवक के पिता की मजबूरी यह है कि बेटा और बहू कहां हैं,
पांच जुलाई से उन्हें भी पता नहीं है। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
ए सेक्टर राजहर्ष काॅलोनी निवासी बीके राजपूत मंडी बोर्ड में सर्विस करते हैं। उनका बेटा ऋतुराज सिंह राजपूत भुज (गुजरात) में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है।
राजपूत का कहना है कि 3 साल पहले ऋतुराज की पहचान इलाहाबाद निवासी दीक्षा अग्रवाल से थाणे (महाराष्ट्र) के एक आश्रम में हुई थी।
दोनों में बातचीत शुरू हुई और बात शादी तक पहुंच गई थी। ऋतुराज चार जुलाई को दीक्षा से मिलने इलाहाबाद गया था। जब वह पांच जुलाई को आया तो
दीक्षा उसके साथ आ गई थी। दोनों ने भदभदा के पास एक रेस्तरां में शादी की और छह जुलाई को नगर निगम में शादी का रजिस्ट्रेशन करा लिया था।
मेरा नाम दीक्षा अग्रवाल राजपूत है। मैंने ऋतुराज सिंह राजपूत से पांच जुलाई 2019 को पूरे होश हवास में मर्जी से शादी की है। मैं ऋतुराज के साथ सुख चेन से हूं।
मेरे दादा पूर्व उप महापौर मुरारीलाल अग्रवाल, पिता पवन अग्रवाल, बुआ, फूफा और दुबे जी आप लोग से निवेदन है कि आप पुलिस प्रशासन और
पॉलिटिकल पावर का यूज करके हमें तंग करना बंद कर दें। मैं पति के साथ सुख चैन से जीना चाहती हूं। यदि हमारे साथ कुछ भी होता है तो उसके लिए पिता, बुआ और फूफा जिम्मेदार होंगे।
राजपूत के मुताबिक 7 जुलाई को दीक्षा के दादा मुरारीलाल अग्रवाल, पिता पवन अग्रवाल, बुआ सीमा अग्रवाल, फूफा मनोज अग्रवाल कुछ लोगों के साथ घर आए। सभी ने मेरे और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया। उनका कहना था कि
हम यह शादी स्वीकार नहीं करते, हमें बेटी से मिलवाओ‌। हम उसे लेकर जाएंगे। जब उन्हें बताया कि आपकी बेटी घर में नहीं है तो वे मानने को तैयार नहीं हुए। बड़ी मुश्किल से वे रवाना हुए। इसके बाद से धमकियां मिल रहीं है। पुलिस भी दबाव बना रही है।
राजपूत के अनुसार शनिवार दोपहर 3.15 बजे दीक्षा के परिजन उप्र पुलिस के साथ घर पहुंचे थे। वे तलाशी लेना चाहते थे। पत्नी की तबीयत बिगड़ती देख वे चले गए। पत्नी को पहले बंसल अस्पताल ले गए। यहां से उन्हें भोपाल मेमोरियल शिफ्ट किया है।
अग्रवाल परिवार बेटी से एक बार मिलना चाहता है। राजपूत चार दिन से उन्हें बेटी से मिलाने की बात कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्होंने नहीं मिलाया। – इरशाद वली, डीआईजी

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