सांसद वाइको ने संसद में भाषण के गिरते स्तर की वजह हिंदी को बताया तो बीजेपी नेता जगदंबिका पाल ने कहा- ‘उनका मानसिक संतुलन गड़बड़’

0
नई दिल्ली। तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी एमडीएमके के जनरल सेक्रेटरी और सांसद वाइको के एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. एक अंग्रेजी अखबर को दिए इंटरव्यू में वाइको ने कहा कि संसद में हिंदी में दिए जाने वाले भाषणों की वजह से सदन में बहस का स्तर गिर गया है.
सांसद वाइको के बयान को लेकर BJP नेता जगदंबिका पाल ने कहा, ‘वाइको को जानकारी नहीं है अल्पज्ञानी हैं. उनका मानसिक संतुलन गड़बड़ है, हिंदी बोलने वाले पीएम ने देश की 303 लोकसभा सीटें जीती है.
हिंदी और संस्कृत में लिपि है साहित्य है और पीएम ने विदेशों तक में हिंदी को बोलकर देश का मान बढ़ाया है इसलिए ऐसी बातें नही करनी चाहिए उनको.’
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में वाइको से पूछा गया कि संसद में भाषण के गिरते स्तर के पीछे क्या वजह है? तब उन्होंने जवाब दिया कि, ‘पहले संसद में विभिन्न विषयों पर गहरी जानकारी रखने वालों को भेजा जाता था.

आज डिबेट का स्तर हिंदी की वजह से गिर गया है. वे बस हिंदी में बोलते हैं. यहां तक की पीएम मोदी भी सदन को हिंदी में संबोधित कर रहे हैं.’
वाइको ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू एक महान लोकतंत्रवादी थे और वो शायद ही कभी संसद का सत्र मिस किए हो, लेकिन मोदी कभी कदा ही संसद सत्र में हिस्सा लेते हैं. वाइको ने नेहरू और मोदी की तुलना करते हुए कहा कि
वो पहाड़ थे तो मोदी उसका एक हिस्सा हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि हिंदी में कौन सा साहित्य है? इसकी कोई जड़ नहीं है और संस्कृत एक मृत भाषा है.
उन्होंने अन्ना का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि 8वीं अनुसूची में सभी भारतीय भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सभी भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जा सकता है तो
अंग्रेजी को भी जगह दी जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंगेजी तो सभी के लिए सामान्य होनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने और कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More