पीड़ित किसानों को कोई राहत न मिलना भाजपा सरकार की संवेदनहीनता है: अखिलेश यादव

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में अन्नदाता अपमानित हो रहा है।
उसको फसल की लागत का ड्योढ़ा मूल्य देने का वादा पूरा नहीं हुआ। न्यनूतम समर्थन मूल्य सिर्फ कागजी घोषणा बनकर रह गया है।
सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसान को इतना परेशान किया जाता है कि वह बिचैलियों और आढ़तियों को औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर हो जाता है।
किसान की आय दोगुनी करने की चर्चा तो खूब होती है लेकिन उसकी कोई स्पष्ट रूपरेखा अभी तक भाजपा सरकार नहीं बता सकी है।
हर तरफ से उपेक्षित और कर्ज के बोझ से लदा किसान अंततः आत्महत्या करने को बाध्य हो जाता है।
भाजपा समझती है कि किसान के खाते में एक बार दो हजार रूपए पहुंच जाएंगे तो किसान भाजपा के झूठे वादों को भूल जाएगा।
पूर्वांचल में अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के कई अंचलों में फसलें उजड़ गई है। गांव के गांव तबाह हुए हैं। खेतों में पानी भरा हुआ है,
सरकार ने राहत का कोई इंतजाम अभी तक नहीं किया है। न नष्ट हुई फसलों के नुकसान का आंकलन हुआ और
नहीं पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था हुई। पीड़ित किसानों को कोई राहत न मिलना भाजपा सरकार की संवेदनहीनता ही है।
बेरोजगारी चरम पर है। युवाओं को दो करोड़ नौकरी देने का एलान करने वाली भाजपा सरकार में नौकरियां मिल नहीं रही है।
नोटबंदी के बाद लघु एवं मध्यम उद्योग बंद हो गए है और बड़ी कम्पनियों में भी भारी पैमाने पर छंटनी हुई है।
नौकरी न पहले मिली और न बाद में। नौजवानों की जिंदगी में अंधेरा है।
नौजवान जब अपनी आवाज उठाते हैं तो उन्हें लाठीचार्ज और
जेल यातना देकर जबरन चुप कराया जाता है। क्या यही लोकतांत्रिक व्यवस्था है?

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