गंगा किनारे छह शहरों में बनेंगे आइओटी स्टेशन

0
वाराणसी, । गंगा को अविरल रखने के लिए आइईटी (इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी), यूके की ओर से वास्तु स्थिति का डेटा तैयार किया जा रहा है।

 

इसके लिए हरिद्वार से पश्चिम बंगाल तक छह आइओटी (इंटरनेट आफ थिंक्स) स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
ताकि हर जगह से डेटा को एकत्र किया जा सके, जिसके आधार पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की डिजाइन तैयार की जाएगी।
इस काम के लिए आइआइटी, बीएचयू स्थित बायो केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. पीके श्रीवास्तव को गंगा वर्किंग ग्रुप का चेयरपरसन बनाया गया है।
यूके के इंजीनियरों की संस्था आइईटी गंगा निर्मलीकरण के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा सहित कई सामाजिक मुद्दों पर कार्य करती है। भारत में इसका मुख्य कार्यालय बेंगलुरु में है।
संस्था की ओर से हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना व माल्दा में आइओटी स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें आधुनिक तकनीक व साफ्टवेयर से गंगा से सैंपल लेकर डेटा तैयार किया जाएगा।
ग्रुप के चेयरपरसन प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि वैसे तो अप्रैल माह से प्रारंभिक डेटा लिया जा रहा है, लेकिन वस्तुस्थिति का अवलोकन आगे चलकर किया जाएगा।
रियल डेट के आधार पर ही सरकार को आगे की प्लानिंग के लिए सुझाव दिए जाएंगे। साथ ही पूरी रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकार को इसको लेकर श्वेत पत्र भी दिया जाएगा। साथ ही नमामि गंगे क्लीन मिशन को इसकी रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी।
प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं कि गंगा के किनारे जरूरत के अनुसार ही एसटीपी की डिजाइन उचित है।
सभी क्षेत्रों व शहरों को एक पैमाने पर मापना उचित नहीं है। हर शहर की अपनी समस्या है।
यह भी पढ़ें: अमृतसर ट्रेन हादसा: हाई कोर्ट और मानवाधिकार अायोग पहुंचा मामला, पंजाब व रेलवे को नोटिस
ऐसे में उसी के आधार पर एसटीपी बनाकर गंगा को गंदा होने से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इसपर काम शुरू किया जाएगा।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More