उन्नाव गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI को जांच के लिए 7 की जगह 15 दिन का दिया समय

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नई दिल्ली। उन्नाव केस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव करते हुये जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को 15 दिन का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले सारे केस को दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए बोला था,
लेकिन उन्नाव केस पर सीबीआई ने कहा कि जांच पूरी होने तक मामले को दिल्ली ट्रांसफर नहीं करना चाहिए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों का वक्त दिया है।
इससे पहले उन्नाव गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से बड़ा फैसला सुनाया था. कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था. पीड़िता के चाचा फिलहाल रायबरेली जेल में बंद हैं।
सुरक्षा कारणों की वजह से कोर्ट की ओर से ये आदेश आया है. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के चाचा के वकील को सुरक्षा देने का आदेश भी दिया है।
इसके अलावा पीड़िता का इलाज फिलहाल लखनऊ में ही किया जाएगा, उसे दिल्ली शिफ्ट नहीं किया जाएगा. पीड़िता की हालत में सुधार बताया जा रहा है।
हालांकि अभी भी वो आईसीयू में ही है. पीड़िता इस समय पूरी तरह बेहोश है. इस बात की जानकारी खुद पीड़िता के परिवारवालों ने कोर्ट को दी है।
परिवार की तरफ से कहा गया कि अगर भविष्य में कोई एमरजेंसी परिस्थिति आती है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट में मेंशन करने की इजाजत दी जाए. मालूम हो कि गुरुवार को अदालत ने कहा था कि अगर पीड़िता का परिवार चाहे तो उनका इलाज दिल्ली में किया जा सकता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता से संबंधित पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया और मामले में प्रतिदिन सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायाधीश को नियुक्त किया. अदालत ने कहा है कि ट्रायल 45 दिनों के भीतर पूरी हो जानी चाहिए. मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने साथ ही पीड़िता को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने उस ट्रक-कार दुर्घटना को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से सात दिनों में जांच पूरी करने को कहा है, जिसकी की वजह से में पीड़िता और उसका वकील अस्पताल में अपने जीवन की लड़ाई लड़ रहे हैं और उसके दो रिशतेदारों की मौत हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने राय बरेली स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कमांडमेंट को आदेश दिया है कि वह पीड़िता के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके आदमियों से खतरा है।

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