कमलनाथ के भांजे के केस की सुनवाई में अचानक पहुंचा ‘गवाह’, किया दावा कहा- ईडी ने पैंट उतरवाकर किया टॉर्चर, जबरन लिया बयान

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अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग केस में खुद को गवाह बताने वाला एक शख्स अपने वकील के साथ उस वक्त अदालत में पहुंच गया, जब मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भांजे रकुल पुरी की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई चल रही थी।
इस शख्स ने दावा किया कि ईडी अधिकारियों ने उसकी जबरन पतलून उतरवाई, कस्टडी में टॉर्चर किया और उससे जबरन बयान लिया।
घटना स्पेशल जज अरविंद कुमार की अदालत में हुई। ईडी के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह पुरी के वकील अभिषेक सिंघवी से बहस कर रहे थे। एक शख्स अपने वकील अजयइंदर सांगवान के साथ कोर्ट में दाखिल हुआ।
वकील ने कहा, ‘माई लॉर्ड, व्यवधान डालने के लिए माफी चाहता हूं..मैं एक याचिका दाखिल करना चाहता हूं। यह एक गवाह है और उसकी पैंट उतरवाई गई…उसे टॉर्चर किया गया…उसे बयान देने के लिए मजबूर किया गया।’
सांगवान ने शख्स की पहचान महिपाल बताई। स्पेशल जज ने कहा, ‘पुलिस के सामने कोई शिकायत क्यों नहीं की गई? क्या इस मामले का एकमात्र समाधान अदालत के पास है?’ सांगवान ने जवाब दिया, ‘मैं पुलिस से ईडी के खिलाफ कैसे शिकायत कर सकता हूं?’
जज ने कहा, ‘इसकी क्या जरूरत थी? पुलिस और दूसरी एजेंसियां हैं…आप इस कोर्ट में इसलिए आए हो क्योंकि यह मामला चल रहा है। आपको पता था कि यह मामला चल रहा है?’
सांगवान ने कहा कि उन्होंने पुरी के मामले के बारे में अखबारों में पढ़ा है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि महिपाल से जबरन बयान लिया गया।
इसके बाद जज ने उसकी याचिका पर शनिवार को सुनवाई की इजाजत दे दी। ईडी के सूत्रों ने कहा कि महिपाल पुरी के नकद लेनदेन का काम देखते थे। ईडी ने उनका बयान करीब डेढ़ महीने पहले लिया था।
सांगवान ने याचिका दाखिल कर कहा है कि ईडी के समक्ष महिपाल के बयान को वापस लिया जाए। वकील के मुताबिक, उनके मुवक्किल को 23 जुलाई को ईडी ने बुलाया।
उसे धमकियां दी गईं जिसके बाद उसने बताई गई कहानी को बयान के तौर पर दर्ज कराया। बता दें कि पुरी की अग्रिम जमानत के मामले में सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। 6 अगस्त को कोर्ट का फैसला आ सकता है।

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