कश्मीर में 8,000 और जवान संभालेंगे मोर्चा, 35 हजार जवान पहले से हैं तैनात

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प पेश किया। गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में इसे पेश किया।
इस विधेयक के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया जाएगा।
इसमें जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा।
केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं ने लौटना शुरू कर दिया है. रविवार की आधी रात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर लिया गया है. वहीं, राज्य के कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।
8 हजार अतिरिक्त जवानों की घाटी में तैनाती की जा रही है।
कश्मीर में पहले ही 35 हजार अतिरिक्त जवान भेजे जा चुके हैं।
एक्टर परेश रावल ने इस फैसले पर ट्वीट करके लिखा कि ‘अब कोई बीमार नहीं पड़ेगा !’
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है. जम्मू कश्मीर के नेतृत्व का 1947 में 2-राष्ट्र थ्योरी को खारिज कर भारत में शामिल होने का निर्णय उल्टा साबित हुआ।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार का अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला असंवैधानिक और अवैध है।
उन्होंने कहा, “उपमहाद्वीप के लिए इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं।
वे लोगों को आतंकित कर जम्मू-कश्मीर का क्षेत्र चाहते हैं. कश्मीर से किए वादे निभाने में भारत नाकाम रहा है।”
भाजपा के राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की भारत में एकता का सपना देश के अहम नेताओं का सपना है।
उन्होंने कहा कि ये लोहिया जी का सपना है, जय प्रकाश नारायण का था. हमने आज इन सभी नेताओं के सपने को साकार करने का काम किया है.

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