नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (67) का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती किया गया था।
निधन से 3 घंटे पहले सुषमा ने एक ट्वीट में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी।इसमें उन्होंने लिखा था- जीवन में इसी दिन की प्रतीक्षा कर रही थी।
मोदी ने कहा कि सुषमा जी का निधन मेरे लिए निजी क्षति है। सुषमा का पार्थिव शरीर एम्स से उनके घर ले जाया गया। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा किबुधवार दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सुषमा केपार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय में रखा जाएगा।
मोदी ने सुषमा के निधन पर कहा- भारतीय राजनीति के एक गौरवपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। गरीबों और समाज के लिए जीवन देने वाली अद्वितीय नेता के निधन पर पूरा भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अकेली इंसान थीं। वे करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत थीं।
इससे पहले सुषमा ने कश्मीर मुद्दे पर फैसले के लिए तीन घंटे पहले ही मोदी को बधाई देता ट्वीट किया था।
प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji – Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
सुषमा ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा। तब वे 25 साल की थीं। वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं। उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया। इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं।
नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं। अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं।
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया।