सबरीमला मंदिर विवाद: स्‍मृति ईरानी ने कहा, मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है

0
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि पूजा करने के अधिकार का यह मतलब नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार हासिल है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ तीखे प्रदर्शन हुए हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 28 सितंबर को मंदिर में माहवारी आयु वर्ग (10 से 50 वर्ष) की महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था। फैसले के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते महिलाओं को सबरीमला मंदिर में जाने से रोक दिया गया।
ईरानी ने कहा, ‘मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोलने वाली कोई नहीं हूं क्योंकि मैं एक कैबिनेट मंत्री हूं लेकिन यह साधारण-सी बात है। क्या आप माहवारी के खून से सना नैपकिन लेकर चलेंगे और किसी दोस्त के घर में जाएंगे।
आप ऐसा नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘क्या आपको लगता है कि भगवान के घर ऐसे जाना सम्मानजनक है? यही फर्क है। मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। हमें इसे पहचानने तथा सम्मान करने की जरूरत है।
स्मृति यहां ब्रिटिश हाई कमीशन और आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित “यंग थिंकर्स” कान्फ्रेंस में बोल रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हिंदू धर्म को मानती हूं और मैंने एक पारसी व्यक्ति से शादी की।
मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को मानें, जो आतिश बेहराम जा सकते हैं।’’ आतिश बेहराम पारसियों का प्रार्थना स्थल होता है।

ईरानी ने याद किया जब उनके बच्चे आतिश बेहराम के अंदर जाते थे तो उन्हें सड़क पर या कार में बैठना पड़ता था।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अपने नवजात बेटे को आतिश बेहराम लेकर गई तो मैंने उसे मंदिर के द्वार पर अपने पति को सौंप दिया और बाहर इंतजार किया क्योंकि मुझे दूर रहने और वहां खड़े ना रहने के लिए कहा गया।’’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केरल के मशहूर सबरीमला मंदिर में महिलाओं को एंट्री देने का विवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें: सबरीमला में हिंसक प्रदर्शनों के लिए केरल के मुख्यमंत्री ने बीजेपी, आरएसएस पे लगाया आरोप
सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनपर कोर्ट 13 नवंबर को सुनवाई करेगा।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More