विमान खरीद मामले में चिदंबरम के खिलाफ पर्याप्त सबूत

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पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई उनके पीछे पड़ी है,
तो वहीं ईडी भी उनके खिलाफ एक और मामले की जांच कर रही है।
अगर चिदंबरम सीबीआई के हाथ आ जाते हैं,
तो ईडी उन्हें प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ करेगी।
चिदंबरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया के अलावा यूपीए के शासनकाल में एयर इंडिया के लिए खरीदे गए
111 विमानों के सौदे में हुई अनियमितताओं के मामले की जांच भी चल रही है।
इस मामले में एफआईआर हो चुकी है और ईडी ने उन्हें पेश होने के लिए समन भेज रखा है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सूत्र बताते हैं कि विमान खरीद मामले में चिदंबरम के खिलाफ पर्याप्त सबूत
हैं।
जांच एजेंसी का दावा है कि देर सवेर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के
खिलाफ जांच की जा रही है।
मंगलवार को इसी मामले में सीबीआई चिदंबरम को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पर पहुंची थी।
हालांकि उस वक्त चिदंबरम घर पर नहीं थे। सीबीआई टीम के बैरंग लौटने के बाद वहां ईडी की टीम पहुंच
गई,लेकिन उसे भी खाली हाथ लौटना पड़ा।
ईडी सूत्रों का कहना है कि अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में इंद्राणी मुखर्जी को गवाह बनने की
अनुमति दे दी थी।
अगर इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी की गवाही होती है, तो दोनों ही जांच एजेंसियों को इसका फायदा मिलेगा।
सीबीआई पहले ही अदालत में इंद्राणी  के गवाह बनने की अर्जी पर अपनी सहमति जता चुकी है।
इंद्राणी ने अदालत को बताया था कि वह स्वेच्छा से वादा माफ गवाह बनना चाहती है।
बता दें कि एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विवादास्पद विलय समेत यूपीए सरकार के दौरान कम से
कम चार ऐसे सौदे रहे हैं,
जिनमें अनियमितताओं के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगे थे।
जांच एजेंसी ने इस केस में अक्टूबर 2018 में कई आपराधिक मामले दर्ज किए थे।
आरोप है कि विदेशी विमान विनिर्माण कंपनियों को फायदा पहुंचाने की एवज में सरकारी कंपनियों के लिए
70,000 करोड़ रुपये के 111 विमान खरीदे गए थे।
इस सौदे से सरकारी विमान कंपनी को कथित वित्तीय नुकसान हुआ था,
क्योंकि उस दौरान कंपनी पहले से ही वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही थी।
साल 2011 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में 2006 में 70,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया और इंडियन
एयरलाइंस के लिए एयरबस व बोइंग से 111 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाया था।
305 करोड़ रुपये की लिप्तता वाले इस मामले में इंद्राणी के अलावा चिंदबरम, उनके बेटे कार्ति का नाम भी
सामने आया था।

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यह मामला साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया को मिले धन के लिये
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से अनुमति मिलने से संबंधित है।
सीबीआई के मुताबिक,
वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में कुल 305 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल करने में
मीडिया ग्रुप को एफआईपीबी की मंजूरी देने में कथित अनियमितता का आरोप लगा था।

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