स्वाइन फ्लू : 31 लोगों की मौत

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 दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के अलावा स्वाइन फ्लू के गंभीर रूप सामने आए हैं।
वर्ष 2010 के बाद पहली बार इस साल अब तक दिल्ली में स्वाइन फ्लू से 31 लोगों की मौत हो चुकी है।
साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में साल 2010 के दौरान स्वाइन फ्लू को गंभीर रूप से देखने को मिला था।
2019 में  स्थिति काफी गंभीर दिख रही है।
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को नियंत्रण में रहा है,
लेकिन स्वाइन फ्लू को लेकर निगम से सरकार तक ने चुप्पी ले रखी है।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के सामने फिर से इन रोगों को लेकर चुनौती खड़ी हुई है।
सफदरजंग से लेकर लोकनायक जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में एच1एन1 संक्रमण के संदिग्ध मरीज देखने को मिल रहे हैं।
डॉक्टरों ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के अलावा स्वाइन फ्लू के लक्षणों में काफी समानता होने से पहली बार में इसकी पहचान करना मुश्किल होता है।
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इसीलिए अस्पताल आने के बाद मरीज का सबसे पहले मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है।
सफदरजंग में मेडिसिन विभाग में हर दिन बुखार, उल्टी, बदन दर्द,
सिर में तेज दर्द होने के मरीज पहुंच रहे हैं। अधिकतर मरीज वायरल से ग्रसित हैं,
 अब तक यहां करीब 15 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
सावधानी में ही बचाव :
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के साथ स्वाइन फ्लू के मामले पर चिकित्सक काफी गंभीर बता रहे हैं। चिकित्सक लोगों को सावधान रहने की सलाह भी दे रहे हैं।
दिल के रोगियों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है।
सतर्कता से बचा जा सकता है।
बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाओं के अलावा दिल के मरीजों को  सावधानी बरतनी चाहिए।

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