नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर्नाटक के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डी. के. शिवकुमार से धनशोधन मामले में पूछताछ कर रही है।
इसके अलावा ईडी पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में कुछ लोगों को नोटों भरे बैग देने के मामले की जांच भी कर रही है।
इसका पता आयकर विभाग ने उनके राष्ट्रीय राजधानी स्थित घर पर 2017 में मारे गए छापों के दौरान लगाया था।
बता दें कि शिवकुमार को कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता है।
उन्होंने साल 2017 में राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत में अहम भूमिका निभाई थी
और राज्य के विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाया था।
उस समय शिवकुमार ने गुजरात के कांग्रेसी विधायकों को कर्नाटक के लक्जरी रिजॉर्ट में ठहराया था।
उन्होंने कर्नाटक में जनता दल (सेकुलर) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
जांच से जुड़े ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
‘आईटी विभाग ने धन के लेन-देन का पता लगाया था,
जिसमें 2019 में उनके सफदरजंग एन्क्लेव स्थित घर और अन्य स्थानों से 8.59 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।
जांच के दौरान पता लगा कि कर्नाटक के कांग्रेस नेता के निर्देश पर शिवकुमार के निकट सहयोगियों ने कैश से भरे बैग्स को चांदनी चौक क्षेत्र में कुछ लोगों को दिया था।’
बेहिसाबी नकदी को लेकर भी पूछताछ
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने इस संबंध में शिवकुमार से पूछताछ की है।
आयकर विभाग की जांच में पाया गया कि शिवकुमार के निकट सहयोगी एस. के. शर्मा ने तीन अन्य आरोपियों की मदद से हवाला चैनलों के माध्यम से भारी मात्रा में नियमित रूप से बेहिसाबी नकदी पहुंचाई।
अधिकारी उन लोगों की पहचान कर रहे हैं, जिन्हें इस रकम का भुगतान किया गया,
और यह भी पता लगा रहे हैं कि किस उद्देश्य से किया गया।
‘जांच में सहयोग नहीं कर रहे शिवकुमार’
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान शिवकुमार से देश के विभिन्न हिस्सों में उनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी गई।
अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद शिवकुमार को तीन बार समन भेजा गया था।
शिवकुमार से शुक्रवार शाम से ही पूछताछ जारी है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
शिवकुमार पर ईडी और आयकर विभाग की नजर नोटबंदी के समय से ही थी।
‘मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक’
ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर होने से पहले शिवकुमार ने कहा था,