फर्जी वेबसाइट द्वारा, सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति/लाखों रुपये हड़पे

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प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति करने का मामला सामने आया है।
जालसाज गिरोह ने बोर्ड की फर्जी वेबसाइट पर फर्जी चयन सूची अपलोड कर सहायता प्राप्त स्कूलों में नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये हड़पे हैं।
प्रदेश में सहायता प्राप्त स्कूलों में सहायक अध्यापकों की फर्जी नियुक्तियों के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं,
मगर इस बार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर भर्तियां की गई हैं।
बोर्ड की ओर से सहायता प्राप्त स्कूलों में वर्ष 2010 की विज्ञप्ति से भर्तियां की जा रही हैं।
गिरोह ने इन्हीं भर्तियों के अभ्यर्थियों को अपना शिकार बनाया है।
उसने लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, महोबा, भदोही, रायबरेली, महराजगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी,
आगरा, चंदौली सहित कई जिलों में सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां की हैं।
विभाग की पड़ताल में अभी तक दो दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति होना पाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक गिरोह ने एक-एक अभ्यर्थी से नियुक्ति के नाम पर 10-10 लाख रुपये की वसूली की है।

ऐसे खुला मामला-

लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह को दो नियुक्ति पत्र मिले।
इनमें वाराणसी के आशीष श्रीवास्तव को लखनऊ स्थित कुम्हरावां इंटर कॉलेज
और औरेया के मोहम्मद शमी खां को लखनऊ स्थित आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय अहमामऊ आवंटित किया गया था।
डीआईओएस ने नियुक्ति पत्र सत्यापन के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजे तो बोर्ड ने दोनों नियुक्ति पत्रों को फर्जी करार दिया।
इसके बाद डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने नियुक्ति सूची का ऑनलाइन सत्यापन कराया तो मामले की परतें खुलती गईं।
पता चला कि गिरोह ने बोर्ड से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर उसमें चयनित शिक्षकों की सूची अपलोड की।
सूची में अधिकांश नाम तो चयनित अभ्यर्थियों के ही थे,
लेकिन कुछ ऐसे नाम भी शामिल कर दिए गए जो चयनित नहीं हुए थे।
फर्जी सूची में अधिकारियों के हस्ताक्षर भी स्कैन कर लगाए गए थे।
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फर्जीवाड़ा खुलने के बाद हरकत में आया बोर्ड-

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की फर्जी वेबसाइट से सहायता प्राप्त स्कूलों में फर्जी नियुक्तियां होने के बाद बोर्ड प्रशासन हरकत में आया है।
बोर्ड ने मंगलवार को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को नियुक्ति पत्रों का सत्यापन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर ही करने के निर्देश दिए हैं।
वेबसाइट पर सत्यापन के लिए वेब ब्राउजर के एड्रेस बार में यूआरएल का उपयोग करने को कहा है।

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