एटा जिले के गांव नगला केसरी के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जातें हैं

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एटा जिले के गांव नगला केसरी के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं।
इन्हें बिजली के खंभे पर चलकर खारजा नहर पार करनी पड़ रही है।
मासूम बच्चे दो किमी दूर अन्य गांव के स्कूल जाने को मजबूर हैं।
बारिश के दिनों में बढ़े पानी से खतरा और बढ़ जाता है।
अवागढ़ ब्लाक के नगला केसरी के लोगों के लिए नए भारत, नए उत्तर प्रदेश के नारे खोखले साबित हो रहे हैं।
स्कूल चलो अभियान को भी अव्यवस्थाओं का पलीता लग रहा है।
स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नहर पार करने का साधन नहीं है।
नहर पार करने के लिए बिजली खंभे रखा हुआ है।
बारिश के दिनों में यहां खतरा और बढ़ जाता है। तेज बहाव एवं गहरे पानी के चलते बच्चे तो दूर बड़े तक डरते हैं,
लेकिन पढ़ाई के लिए मासूम बच्चे खंभे पर चलकर नहर पार करते हैं।
नहर पार करते समय अभिभावक या स्कूल शिक्षक इन पर नजर रखते हैं।
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स्कूल जाते हैं 30 से अधिक बच्चे-
उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक चंद्रहास मिश्र ने बताया
कि 200 मीटर दूर स्थित स्कूल में नगला केसरी के 30 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं।
बीच में बह रही नहर पर पुल न होने के कारण बच्चे विद्युत खंभे से होकर गुजरते हैं।
ग्राम प्रधान वेद प्रकाश ने बताया कि खैरारा ग्राम पंचायत की साढ़े तीन हजार से अधिक आबादी वाले दो गांवों
को जोड़ने के लिए पुल की मांग बहुत पुरानी है। दो किमी दूर स्थित पुल का इन्हें लाभ नहीं मिल रहा।
पिछले वर्ष तत्कालीन डीएम अमित किशेर के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने सर्वे के बाद आश्वासन भी दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ।
बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल आते जाते हैं जबकि छोटे बच्चे तो पढ़ाई से वंचित भी हो रहे हैं।
इस संबंध में एसडीएम जलेसर अरुण कुमार ने बताया कि नगला केसरी में नहर पर पुल की जानकारी नहीं है।
मामले को दिखवाता हूं। जल्द ही पुल का निर्माण करा दिया जाएगा।

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