वाराणसीः गंगा खतरे के निशान से सिर्फ दस सेंटीमीटर दूर

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इससे पहले 2016 में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार गया था। अगर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है तो पिछले दस सालों में तीसरी बार ऐसा होगा। 2016 से पहले 2013 में भी गंगा ने खतरे का निशान पार करते हुए 72.63 मीटर के स्तर को छू लिया था।
1978 में गंगा ने 73.90 के स्तर तक पहुंच कर रिकार्ड बनाया था।गंगा में फाफामऊ, इलाहाबाद से बलिया तक बढ़ाव जारी है। फाफामऊ, इलाहाबाद, मिर्जापुर में गंगा चेतावनी बिंदु जबकि गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान से ऊपर प्रवाहित हो रही हैं।
बढ़ाव इसी गति से जारी रहा तो अगले 24 घंटों में गंगा पार रामनगर से पड़ाव के बीच बसे गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच जाएगा। जल डोमरी और आसपास के गावों की सीमा तक पहुंच जाएगा।गंगा के बढ़ाव के कारण सामने घाट से रमना के बीच गंगा किनारे सैकड़ों बीघा में बोई गई चरी पानी में डूब गई है।
रामेश्वर मठ के बगल से अस्सी की ओर जाने वाले मार्ग से आवागमन ठप हो गया है। सामने घाट से रमना मार्ग स्थित मारुति नगर और गायत्री नगर कॉलोनी में घरों से निकलने का रास्ता बंद हो चुका है। मारुति नगर के रामनिवास पुरी, सविता द्विवेदी, हरिराम द्विवेदी, दीपक सिंह, संजीव सिंह, शक्ति सिंह के घर पूरी तरह पानी से घिर चुके हैं।
वरुणा किनारे सिधवा घाट, नक्खी घाट, कोनिया, पुलकोहना, तिनपुलवा, ऊंचवा आदि इलाकों की बस्तियों के नए हिस्सों में भी बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। इन क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

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