ईडी: अवैध खनन मामले में देवरिया के पूर्व डीएम से की नौ घंटे पूछताछ

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खनन घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसरों ने बुधवार को देवरिया के पूर्व जिलाधिकारी विवेक से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की.
ईडी ने उनसे वर्ष 2013 में मार्च से जून के मध्य बतौर डीएम किए गए पट्टों के नवीनीकरण
और नए पट्टों को लेकर कई सवाल किए।
सूत्रों की मानें तो ज्यादातर सवालों के जवाब में विवेक ने शासनादेश के मुताबिक
उच्चाधिकारियों के निर्देश काम करने की बातें ही दोहराईं।
उन्होंने अपनी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज बाद में देने के लिए ईडी से समय मांगा है।
विवेक को सुबह साढ़े 10 बजे प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे विवेक को देर शाम साढ़े सात बजे जाने की इजाजत दी गई।
सूत्रों की मानें तो ईडी को पता चला कि विवेक के पास लखनऊ व पटना के अलावा वाराणसी और बाराबंकी में करोड़ों रुपये की संपत्ति है।
बताया जाता है कि यह संपत्तियां 2009 बैच के आईएएस विवेक के सर्विस में आने के बाद ही अर्जित की गई हैं।
ज्यादातर संपत्तियां विवेक और उनकी पत्नी के नाम संयुक्त रूप से हैं।
सीबीआई ने बीते 29 जून को देवरिया और फतेहपुर में खनन घोटाले को लेकर
एफआईआर दर्जकर 10 जुलाई को यूपी और दिल्ली के 12 स्थानों पर छापे मारे थे।
इस दौरान बुलंदशहर के डीएम के अभय के आवास से 49 लाख रुपये
और आजमगढ़ के सीडीओ देवी शरण उपाध्याय के यहां से 10 लाख रुपये मिले थे।
वहीं, विवेक के आवास से कई संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए थे।
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अगस्त में मामला दर्ज किया।
इसमें तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा पांच आईएएस अधिकारियों को नामजद किया था।

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नामजद अफसरों में पूर्व प्रमुख सचिव खनन जीवेश नंदन,
विशेष सचिव रहे संतोष कुमार, देवरिया डीएम रहे
विवेक और फतेहपुर के डीएम रहे अभय के अलावा देवरिया में अपर जिलाधिकारी रहे देवी शरण उपाध्याय थे।
उपाध्याय का प्रमोशन आईएएस के रूप में हो चुका है।

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