IND v SA: पांच प्लयेरों के दम पर इंडिया ने टेस्ट सीरीज में ली ऐतहासिक जीत

0
भारत ने रांची में तीसरा टेस्ट मैच जीतने के साथ ही दक्षिण अफ्रीका को तीन मैच की टेस्ट सीरीज में 3-0 से मात दी।
दक्षिण अफ्रीका को भारत ने रांची टेस्ट मैच में एक पारी और 202 रन से हरा दिया।
रांची टेस्ट मैच की दूसरी पारी में प्रोटियाज 133 रन पर ही आउट हो गया।
भारत ने नौ विकेट पर 497 बनाए थे।
इस विशाल स्कोर में रोहित शर्मा का दोहरा शतक और आजिंक्या रहाणे का शतक शामिल था।
दक्षिण अफ्रीका पहली पारी में 162 रन ही बना पाया था
जिसके बाद उसे फॉलोऑन खेलना पड़ा। जीत के बाद भारतीय कप्तान बेहद खुश नजर आए।
उन्होंने इसे सामूहिक प्रयास की जीत बताई।
वाकई में गेंदबाजों से लेकर बल्लेबाजों तक सभी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे,
 लेकिन इस सीरीज में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी थे
जिनके असाधारण प्रदर्शन ने सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई।
रोहित शर्मा
इस सीरीज में रोहित शर्मा की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने अफ्रीकी गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए।
रोहित ने दो शतक और एक दोहरा शतक लगाकर कई रिकॉर्ड धवस्त कर डाले।
उनकी इस अविश्वसनीय बल्लेबाजी को देख कोई यह नहीं कह सकता कि
बतौर सलामी बल्लेबाज वह पहली बार टेस्ट मैच में उतरे हो।
रोहित ने इस श्रृंखला की चार पारियों में 529 रन बनाए।
इस दौरान उनके बल्ले से 62 चौके और 19 छक्के भी निकले। यह भी एक विश्व रिकॉर्ड है।
तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 255 गेंदों में 83.13 की स्ट्राइक रेट से रोहित (212 रन) ने अपने करियर का पहला दोहरा शतक पूरा किया।
विराट कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली का बल्ला भी इस श्रृंखला में जमकर बोला।
पुणे टेस्ट में हुए दूसरे टेस्ट मे दोहरा शतक लगाकर उन्होंने भारत की सीरीज जीत में अहम योगदान दिया था।
कोहली ने दूसरे टेस्ट में इस मैच में 336 गेंदों में 254 रन की बहुत ही आकर्षक पारी खेली थी।
हालांकि इस सीरीज से पहले उनका बल्ला खामोश था।
उन्होंने अपना आखिरी शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिसंबर 2018 में पर्थ के मैदान पर मारा था।
कोहली ने 10 पारियों के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे टेस्ट के दूसरे दिन शतकों का सूखा खत्म किया।
यह विराट के करियर का 26वां सैकड़ा था।
विराट कोहली की कप्तानी ने भी भारत की सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई।
क्रिकेट जानकारों ने विराट की कप्तानी की बहुत तारीफ की।
ALSO READ : कानपुर : 1.21 लाख की जेब कटी विधायक व उनके साथी की,गए थे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव की जनसभा में
मयंक अग्रवाल
मयंक अग्रवाल अपने करियर के सबसे सुनहरे दौर से गुजर रहे हैं।
कर्नाटक ने इस बल्लेबाज ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों वह शिखर धवन की जगह बतौर सलामी बल्लेबाज पहली पसंद हैं।
सीरीज में लगातार दो टेस्ट शतक जड़कर मयंक ने टेस्ट टीम में लगभग अपनी जगह पक्की कर ली है।
 विशाखापट्टनम में उन्होंने करियर का पहला शतक जड़ा, जिसे जल्द ही उसे दोहरे में तब्दील कर दिया।
बतौर ओपनर केएल राहुल के खराब प्रदर्शन के बाद टीम को एक भरोसेमंद ओपनर की तलाश थी,
जिस कमी को मयंक अग्रवाल ने पूरी कर रहे हैं।
तीन टेस्ट मैच की चार पारियों में मयंक अग्रवाल ने कुल 340 रन बनाए।
आर अश्विन
लगभग 10 महीने के बाद वापसी कर कर रहे टीम इंडिया के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि
क्यों उनकी मौजूदा दौर के महानतम गेंदबाजों में होती है।
तीन टेस्ट मैच की सीरीज में अश्विन 15 विकेट लेकर सर्वाधिक शिकार करने वाले गेंदबाज बने।
पुणे में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में चार विकेट झटकर आर. अश्विन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में सबसे अधिक बार चार विकेट लेने के मामले में टॉप पर पहुंच गए थे।
रविचंद्रन अश्विन ने इस सीरीज में सबसे तेज 350 विकेट लेकर मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी की थी।
मोहम्मद शमी
स्पिनर्स की मददगार पिच पर भारतीय तेज गेंदबाजों का जलवा भी देखने को मिला।
मोहम्मद शमी 13 विकेट लेकर सीरीज में सर्वाधिक शिकार करने वाले दूसरे गेंदबाज बने।
अपनी घातक स्विंग होती गेंदों से दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के परखच्चे उड़ाने वाले शमी की सीम और
पेस की भी जमकर तारीफ हुई। ऐसा कम ही होता है
जब भारत में स्पिनर्स की बजाय तेज गेंदबाजों की चर्चा ज्यादा हो।
रांची में शमी और उमेश की गेंदें अफ्रीकी बल्लेबाजों पर मानो कहर ढा रही थी।
 इससे पहले विशाखापट्टनम टेस्ट की दूसरी पारी में भी शमी ने पांच विकेट लेकर जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More