कानपुर: जमीनी विवाद अब एक झटके में होंगे दूर, नहीं लगाने पड़ेंगे केडीए के चक्कर
शहर का नया मास्टर प्लान-2031 जियोग्राफिक इंफॉरमेशन सिस्टम (जीआईएस) तकनीक पर आधारित होगा।
इस तकनीक का फायदा यह होगा कि शहरवासी कंप्यूटर या मोबाइल के जरिए महज कुछ मिनटों में जमीन का भू-उपयोग (लैंडयूज) घर बैठे जान सकेंगे।
ऐसा होने से भू-उपयोग से जुड़े विवाद खत्म होंगे।
लोगों को केडीए के चक्कर नहीं काटने होंगे।
केडीए समेत प्रदेश के सभी शहरों के मास्टर प्लान का जीआईएस सर्वे पूरा हो गया है।
विकास प्राधिकरणों के नगर नियोजकों को नए सिस्टम की जानकारी देने के लिए वाराणसी में 31 अक्तूबर से दो दिवसीय कार्यशाला होगी।
इसमें केडीए समेत प्रदेश के कई विकास प्राधिकरणों के अधिकारी शामिल होंगे।
प्रदेश में वर्तमान मास्टर प्लान-2021 तक की जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया था।
बढ़ती आबादी, आवास और रोजगार की मांग के चलते शहरों का विस्तार हो रहा है।
शहर को सुनियोजित तरीके से बसाने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरणों की है।
इसलिए प्रदेश सरकार ने विकास प्राधिकरणों को 2031 की जरूरत के लिहाज से मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे।
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