देवउठनी एकादशी – कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी सभी एकादशियों में सर्वोपरि मानी जाती है.
पद्मपुराण और शास्त्रों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर का पुण्य प्राप्त होता है
इस दिन दान यज्ञ आदि करने से व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को देवशयन करने गए थे
और आज देवउठनी एकादशी के दिन चार माह के शयन के बाद जागेंगे.
- साल 2019 में देवउठनी एकादशी का व्रत 8 नवंबर 2019 शुक्रवार के दिन रखा जाएगा|
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 7 नवम्बर गुरुवार के दिन प्रातःकाल 09:55 मिनट पर|
- एकादशी तिथि समाप्त – 8 नवम्बर शुक्रवार 12:24 मिनट पर|
- देवउठनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा 6 : 38 मिनट से 8 : 49 मिनट तक |
चावल का सेवन ना करे
मान्यता है की एकादशी के दिन चावल खाने से परहेज करना चाहिए.
चावल खाने से शरीर में आलास बढ़ता है और मन भक्ति में नहीं लगता
वही वैज्ञानिक दृश्टिकोण से चावल में जल की मात्रा अधिक होने के कारण इसके सेवन से शरीर में जल की मात्रा भी बढ़ जाती है
जिस कारण शरीर में चंचलता बढ़ने लगती है
और प्रभु भक्ति में ध्यान नहीं लग पता इसीलिए इस दिन चावल का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है.
सूर्योदय के बाद ना सोये
शास्त्रों के अनुसार यूँ तो रोजाना ही देर तक सोने की मनाही है लेकिन व्रत आदि में देर तक सोना विशेष रूप से निषेध मना जाता है
बहुत से लोग देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन करते है
इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्नान आदि के बाद तुलसी विवाह की तैयारी करनी चाहिए.
और व्रत दान आदि कर पुण्य फल प्राप्त करना चाहिए.
किसी की निंदा ना करे
शास्त्रों के अनुसार विशेषकर एकादशी व्रत वाले दिन किसी दूसरे व्यक्ति की चुगली, झूठ बोलना या निंदा जैसे कार्यो को नहीं करना चाहिए.
इससे मन दूषित होता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दूषित मन से भक्ति नहीं करनी चाहिए
इससे पूजा व व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता है.
इसीलिए कोशिश करे की इस दिन मन को शांत रखते हुए इन कार्यो से बचना चाहिए.
क्रोध न करे
शास्त्रों में ये बताया गया है की गुस्सा व्यक्ति के बहुत ही नुकसानदायक होता है इसीलिए कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए
विशेषकर एकादशी व्रत के दिन घर का माहौल शांत बनाये रखते हुए प्रभु की भक्ति करनी चाहिए.
यदि किसी से कोई गलती हो भी जाय तो उसे माफ़ कर देना चाहिए.
क्रोध न सिर्फ पूजा से आपका ध्यान भटकाता है बल्कि इससे घर में नकारात्मकता भी बढ़ जाती है
इसीलिए एकादशी व्रत के दिन क्रोध ना करे.
तुलसी चढ़ाना ना भूले TULSI VIVAAH 2019
एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है और भगवान् विष्णु जी को तुलसी बेहद प्रिय है
इसीलिए भगवान विष्णु जी की पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है
शास्त्रों में देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराने की मान्यता है
क्योकि कहा जाता है की जब देव जागते हैं
तो सबसे पहली प्रार्थना तुलसी की ही सुनते हैं।
इसीलिए एकादशी के दिन विष्णु जी को तुलसी चढ़ाना बिलकुल भी ना भूले.