दिल्ली के रामलीला मैदान से कांग्रेस ने भारत बचाओ रैली के जरिए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
इस रैली में दिए राहुल गांधी के एक बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
राहुल गांधी ने अपने ‘रेप इन इंडिया’ वाले बयान पर माफी न मांगने को लेकर कहा कि
उनका नाम राहुल गांधी है राहुल सावरकर नहीं।
उनके इस बयान से शिवसेना काफी नाराज है क्योंकि वह विनायक दामोदर सावरकर को अपना हीरो मानती है।
यह शिवसेना के उस नायक का अपमान है जिसके नाम पर पार्टी सालों से राजनीति कर रही है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महा विकास अघाड़ी गठबंधन की पार्टी है।
माफी को लेकर राहुल ने सावरकर का नाम इसलिए लिया क्योंकि अंडमान की सेलुलर जेल में कैद हिंदूवादी नेता ने 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को कथित रूप से माफीनामा लिखा था।
भाजपा द्वारा रेप इन इंडिया पर माफी मांगने को लेकर उन्होंने कहा कि
उनका नाम सावरकर नहीं बल्कि गांधी है।
मर जाएंगे लेकिन कभी माफी नहीं मांगेगे।
वहीं अब शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि
राहुल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
मैं महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वह सावरकर का बलिदान समझने के लिए राहुल को उनकी कुछ किताबें गिफ्ट करें।
उन्होंने कहा, ‘हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी को भी मानते हैं,
आप वीर सावरकर का अपमान ना करें। समझने वाले समझ गए है।
जय हिंद!!’ दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘आप आज भी यदि सावरकर का नाम लेते हैं तो देश के युवा उत्तेजित और उद्वेलित हो जाते हैं,
आज भी सावरकार देश के नायक हैं और आगे रहेंगे, वह हमारे देश का गर्व हैं।’
फडणवीस का राहुल गांधी पर पलटवार
राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान के बाद भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर हमला बोला है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से दिया गया बयान पूरी तरह से निंदनीय है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि केवल आखरी नाम गांधी होने से कोई महात्मा गांधी नहीं बन जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि शायद राहुल गांधी को सावरकर जी के बारे में जानकारी नहीं है।
सावरकर जी को अंडमान जेल की कोठरी में 12 साल तक यातना का सामना करना पड़ा जबकि राहुल गांधी 12 घंटे भी नहीं रह सकते।
सिर्फ गांधी को अपने नाम में लगाने से आप गांधी नहीं बन जाते।
सावरकर के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना,
देश के लिए सब कुछ त्याग करने वाले तमाम देशभक्तों का अपमान है।
जहां तक माफी मांगने का सवाल है, राहुल गांधी ने भी राफेल मुद्दे पर कुछ दावे किए और बाद में इसके लिए माफी मांगी।
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वह आरएसएस पर अपनी टिप्पणी के लिए अदालती मामले का भी सामना कर रहे हैं।
यह उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है,
बचकाने बयान देना और फिर माफी मांगने से इनकार करना लेकिन आखिर में मामला अदालत में जाने के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ती है।
क्या था राहुल का बयान?