नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कहा- सायरस मिस्त्री फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए जाएं, उन्हें हटाना गलत था

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नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने बुधवार को सायरस मिस्त्री के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि मिस्त्री फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए जाएं, उन्हें हटाना गलत था।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में केस हारने के बाद मिस्त्री अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जुलाई में फैसला सुरक्षित रखा था।

Cyrus Mistry

एनसीएलएटी ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को भी गलत बताया। चंद्रशेखरन जनवरी 2017 में चेयरमैन बने थे।एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अपील के लिए टाटा सन्स ने 4 हफ्ते का वक्त मांगा। एनसीएलएटी ने इसकी मंजूरी दे दी। टाटा सन्स टाटा ग्रुप की कंपनियों की प्रमोटर है।
सायरस मिस्त्री अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए गए थे। इसके दो महीने बाद मिस्त्री की ओर से उनके परिवार की दो इन्वेस्टमेंट कंपनियों- सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा सन्स के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी।
इन कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के मुताबिक नहीं था। उन्होंने टाटा सन्स के मैनेजमेंट में खामियों और रतन टाटा के दखल का आरोप भी लगाया था। लेकिन जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने दावे खारिज कर दिए। इसके बाद मिस्त्री ने खुद एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपील की थी।
एनसीएलटी ने 9 जुलाई 2018 के फैसले में कहा था कि टाटा सन्स का बोर्ड सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने के लिए सक्षम था। मिस्त्री को इसलिए हटाया गया क्योंकि कंपनी बोर्ड और बड़े शेयरधारकों को उन पर भरोसा नहीं रहा था।2012 में रतन टाटा के रिटायर होने के बाद सायरस मिस्त्री टाटा सन्स के छठे चेयरमैन बने थे।मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स की 18.4% हिस्सेदारी है।
एनसीएलएटी के फैसले के बाद टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली तेज हो गई। टाटा मोटर्स बीएसई पर 3.05% गिरावट के साथ 174.70 रुपए पर बंद हुआ। टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 4.14% नुकसान के साथ 311.80 रुपए पर बंद हुआ। टाटा पावर ने 0.98% नीचे 55.50 रुपए पर कारोबार खत्म किया।
पिछले 3 साल में कब-क्या हुआ?
24 अक्टूबर 2016
सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाया, रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बनाए गए।
25 अक्टूबर 2016
मिस्त्री ने टाटा सन्स बोर्ड को चिट्ठी लिखी, टाटा ट्रस्ट के प्रबंधन पर दखल का आरोप लगाया।
19 दिसंबर 2016
मिस्त्री ने टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दिया।
20 दिसंबर 2016
सायरस मिस्त्री ने एनसीएलटी में याचिका दायर की, टाटा सन्स पर गलत प्रबंधन का आरोप लगाया।
12 जनवरी 2017
एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए गए।
6 फरवरी 2017
मिस्त्री टाटा सन्स बोर्ड के डायरेक्टर पद से हटाए गए।
21 सितंबर 2017
टाटा सन्स को प्राइवेट कंपनी बनाने का प्रस्ताव बोर्ड ने मंजूर किया।
9 जुलाई 2018
एनसीएलटी ने सायरस मिस्त्री की याचिका खारिज की।
3 अगस्त 2018
मिस्त्री ने एनसीएलटी के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी।
24 अगस्त 2018
एनसीएलएटी ने टाटा सन्स से कहा- मिस्त्री पर शेयर बेचने का दबाव नहीं बनाएं।
18 दिसंबर 2019
एनसीएलएटी ने मिस्त्री की बहाली का आदेश दिया, टाटा सन्स को अपील के लिए 4 हफ्ते का वक्त।

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