प्रदर्शकारी पुलिस की अपील के बाद नहीं हटे तो डीसीपी ने गाया राष्ट्र गान

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बेंगलुरु। नागरिकता कानून को लेकर देश भर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
ऐसा ही वाकया बेंगलुरु में देखने को मिला। यहां डीसीपी (सेंट्रल) चेतन सिंह राठौर ने माइक से राष्ट्र गान गाकर भीड़ को नियंत्रित किया। इसके बाद ज्यादातर प्रदर्शनकारी प्रदर्शन स्थल से चले गए।

डीसीपी ने

दरअसल, प्रदर्शनकारी शहर के टाउन हाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। राठौर वहां पहुंचे और धारा 144 लागू होने का हवाला देकर बोले की आप यहां से चले जाइए, लेकिन लोग हट नहीं रहे थे। उन्होंने समझाया कि भीड़ में हमारे बीच असामाजिक तत्‍व हो सकते हैं। वे हिंसा कर सकते हैं। ऐसे में प्रशासन को बल प्रयोग करना पड़ेगा और निर्दोषों पर भी कार्रवाई होगी।
जानें क्या है नागरिकता कानून-
नागरिकता कानून 1955 में आया था। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है। भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती है। उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान हैं। संशोधित कानून में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी।

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