NRC विवाद पर पीएम मोदी ने डिटेंशन सेंटर की बातों को बताया अफवाह लेकिन केंद्र सरकार ने 11 महीने पहले सभी राज्यों को इस बारे में भेजे थे निर्देश

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामलीला मैदान में एक रैली में एनआरसी के लिए डिटेंशन सेंटर बनानेको अफवाह बताया।
जबकि, इसी साल जुलाई में राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया था कि डिटेंशन सेंटरों के संबंध में केंद्र ने राज्यों को निर्देश भेजे थे। कांग्रेस ने मोदी के इस बयान पर कहा कि
क्या पीएम ये समझते हैं कि लोग उनके झूठ की वास्तविकता जानने के लिए गूगल सर्च भी नहीं कर सकते? कांग्रेस ने यह बात एक ट्वीट में लिखी, जिसमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से भारत में डिटेंशन सेंटर होने का जिक्र किया गया था।

NRC विवाद

मोदी ने रैली में कहा था- कांग्रेस और उसके साथीशहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे अर्बन नक्सल अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर में डाल दिया जाएगा। पढ़े-लिखे लोग भी डिटेंशन सेंटर के बारे में पूछ रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट देखी- जिसमें मीडिया के लोग पूछ रहे थे कि
डिटेंशन सेंटर कहां है, लेकिन किसी को पता नहीं। पढ़ तो लीजिए किएनआरसी है क्या? अब भी जो भ्रम में हैं, उन्हें कहूंगा कि जो डिटेंशन सेंटर की अफवाहें हैं,वो सब नापाक इरादों से भरी पड़ी हैं। यह झूठ है, झूठ है, झूठ है।
जुलाई 2019 में गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में कहा था- अवैध प्रवासियों को पहचानने, हिरासत में रखने और उन्हें प्रत्यर्पित करने के केंद्र के अधिकार को संविधान के तहत
राज्यों को हस्तांतरित किया गया है। राष्ट्रीयता की पहचान और उन्हें प्रत्यर्पित किए जाने तक राज्यों को अवैध प्रवासियों को डिटेंशन सेंटरों में रखना चाहिए।
हालांकि, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बनाए गए डिटेंशन सेंटरों और उनमें रखे गए अवैध प्रवासियों की संख्या का जिक्र नहीं किया गया है।
केंद्र ने राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों को मॉडल डिटेंशन सेंटर और होल्डिंग सेंटरों के संबंध में नियमावली 9 जनवरी को भेजी थी। केंद्र बार-बार राज्यों से डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के संबंध में निर्देश भेजता रहा है।
रॉयटर्स की सितंबर में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, असम के गोलापाड़ा में अवैध प्रवासियों के लिए पहला डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। इसमें करीब 3 हजार लोगों को रखा जा सकता है।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं और इनमें 900 अवैध प्रवासियों को रखा गया है। 3 साल के दौरान यहां रखे गए लोगों में 28 की मौत हो गई है।
कांग्रेस ने कहा- डिटेंशन सेंटर वास्तविकता हैं और ट्वीट किया, जिसमें मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से मुंबई और असम के गोलापाड़ा में डिटेंशन सेंटर होने का जिक्र किया गया है। कांग्रेस ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री यह सोचते हैं कि उनके झूठ का फैक्ट चेक करने के लिए लोग गूगल सर्च भी नहीं कर सकते? डिटेंशन सेंटर वास्तविकता हैं और जब तक भाजपा सरकार रहेगी, यह बढ़ते रहेंगे।

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