रामपुर: पुलिस ने डंडा, हेलमेट और हूटर के नुकसान की भी लगाई कीमत, कार्रवाई शुरू

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लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हुई हिंसा के दौरान सावर्जनिक संपत्तियों को खूब नुकसान पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा था- हिंसा के आरोपियों से उनकी संपत्ति जब्त कर क्षति की भरपाई होगी। उसके बाद पुलिस प्रशासन एक्शन में है।
उत्तर प्रदेश के पांच जिलों रामपुर, लखनऊ, बिजनौर, मेरठ, कानपुर, में चिन्हित प्रदर्शनकारियों को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि, कार्रवाई क्यों न हो?

रामपुर

जिन विभागों की संपत्ति का नुकसान हुआ, वे आंकलन में जुटे हैं। पुलिस ने नॉन लीथल वेपंस से फायर किए गए टियर गैस सेल की कीमत के अलावा डंडे, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर को हुई क्षति मूल्य तय किया है।
नागरिकता कानून के विरोध में बीते 21 दिसंबर को रामपुर के हाथीखाना चौराहे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी, तोड़फोड़ कर सरकारी व
निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। यहां जिला प्रशासन ने 28 प्रदर्शनकारियों को 14 लाख 86 हजार 500 का नोटिस जारी किया है।
इन्हें एक सप्ताह के भीतर संबंधित न्यायालय के समक्ष पेश होकर बताना होगा कि, कार्रवाई क्यों न की जाए? जिन्हें नोटिस जारी किया गया वे सभी जेल में हैं। आर्थिक स्थिति के स्तर में अधिकतर निचले तबके के हैं।
रामपुर में पुलिस द्वारा पेश किया गया ब्यौरा-
  1. भोट थाने की सरकारी पुलिस जीप- 750,000 रुपए
  2. उप निरीक्षक राज नारायण यादव की मोटरसाइकिल- 65,000 रुपए
  3. सिटी कोतवाली की मोटर साइकिल- 65000 रुपए
  4. एक अन्य मोटर साइकिल- 55 हजार रुपए
  5. सरकारी पल्सर- 90 हजार रुपए
  6. मोटर साइकिल अपाचे- 90 हजार रुपए
  7. जीप में लगा वायरलेस सेट, हूटर / लॉउडस्पीकर, 10 डंडा, तीन हेलमेट और तीन बॉडी प्रोटेक्टर, तीन कैन सील्ड- 31,500 रुपए
  8. नगर पालिका द्वारा की गई बैरीकेडिंग व पुलिस के बैरियर- 35000 रुपए
प्रदर्शन नियंत्रित करने में पुलिस बल के नॉन लीथल वेपंस के माध्यम से टियर गैस सेल, रबड़ बुलेट, प्लास्टि पैलेट की फायरिंग हुई जिसका अनावश्यक रुप से शासकीय कोष पर बोझ पड़ा।रामपुर में 21 व 22 दिसंबर को व्यवसायिक गतिविधियां ठप रहीं,
जिसके कारण व्यापारियों, मजदूरों व व्यवसाय से जुड़े अन्य लोगों को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है। घायलों के साथ जिला अस्पताल गए प्रदर्शनकारियों ने जिला अस्पताल मे भी तोड़फोड़ की।
डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- जिन 28 लोगों को नोटिस जारी किया गया है, पुलिस के पास उनके खिलाफ ठोस सबूत हैं। एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो
उनके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अभियुक्त या उसका परिवार अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं कि कैसे उनके खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया है?
बिजनौर, मेरठ,संभल और कानपुर जिले भी आए एक्शन में-
नागरिकता कानून के विरोध में बीते शुक्रवार को बिजनौर जिले में भी प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। यहां 43 प्रदर्शनकारियों को पुलिस के चिन्हित करने के बाद जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी किया गया है।
एडीएम फाइनेंस अवधेश मिश्रा ने बताया कि, हिंसा के दौरान 90 लाख 70 हजार रुपए के सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। 43 आरोपियों को पुलिस ने नोटिस जारी कर संबंधित न्यायालय में पेश होने के लिए कहा है।
मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के मामले में मेरठ प्रशासन ने 148 लोगों को नोटिस जारी किया है। डीएम अनिल ढींगरा ने बताया कि
517 शस्त्र लाइसेंस धारकों और पुलिस द्वारा अभियुक्त बनाए गए 148 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। नवीनीकरण के लिए लंबित इन 517 में से 400 शस्त्र लाइसेंसों को फिलहाल रोक दिया गया है।
संभल में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है। एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि, हिंसा में शामिल 55 लोगों की पहचान की गई है और पोस्टर जारी किए गए हैं।
अब तक 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट व वीडियो फैलाने के आरोप में तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) करेंगे। इसमें पांच पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।
अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग करेगी, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया और व्हाटसऐप का भरपूर इस्तेमाल किया था।

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