बस्ती : चूड़ी बेचने वाले का लड़का निकला ई-टिकटिंग के धंधे में ‘काले धंधे’ का मास्टरमाइंड

0
ई-टिकटिंग के धंधे से टेरर फंडिग में कप्तानगंज क्षेत्र के हामिद का नाम आने
और अखबारों में खबरें प्रकाशित होने के बाद पिता भी भाग निकला है।
इसके पहले लोग हामिद को कमाऊपूत होने का उदाहरण देते थे।
पिता के भाग जाने से अब लोगों का शक गहरा गया है।
ई-टिकटिंग के जरिये टेरर फंडिंग का मुख्य किरदार हामिद अशरफ कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रमवापुर कला का निवासी है।
रोजी रोटी चलाने के लिए हामिद के पिता जमीरुल हसन उर्फ लल्ला चूड़ी का काम करते थे,
मगर पिछले 10 वर्ष में चूड़ी व्यवसायी यह परिवार शून्य से शिखर पर पहुंच गया।
 जमीरुल हसन ने वर्तमान में जहां एक तीन मंजिला मार्ट का निर्माण कराया है,
वहीं दो मंजिला रिहायशी बिल्डिंग व 20 कमरों वाला एक मार्केट निर्माणाधीन है।
कस्बा व गांव के अलावा महानगरों में खुद व रिश्तेदारों के नाम पर तमाम जमीन भी है।
इसका सही आंकलन कोई नहीं लगा पा रहा है।
हामिद का पालन पोषण सामान्य परिस्थितियों में हुआ।
इसके पिता जमीरुल हसन चूड़ी की दुकानदारी से परिवार का पेट भरने में मुश्किलें देखकर पटरा बल्ली की दुकान खोल कर शटरिंग का काम करने लगे।
इस काम में ही वह जुटे रहते थे।
मगर पिछले तीन वर्ष से वे सब कुछ छोड़ जमीन खरीदने में जुट गए।
परिवार की माली हालत ठीक न होने के कारण हामिद पुरानी बस्ती स्थित अपनी ननिहाल चला गया।
यहीं से उसने पढ़ाई लिखाई की।
 Also read : सपा ने नेता रणजीत की हत्या पर योगी के ऊपर निशाना साधा कहा-‘आम जनमानस में है दहशत, मांगा इस्तीफा’
सूत्र बताते हैं कि पहले वह रेलवे स्टेशन के काउंटर की दलाली करता था
और उसकी गिरफ्तारी भी एक बार यहीं हुई थी।
हालांकि इसके बाद वह कहां गया गांव के लोगों को मालूम नहीं है,
मगर उसके गायब होने के बाद परिवार में धन की बारिश होने लगी।
इसी धन से पिता जमीरुल हसन ने कस्बे में मार्ट व रिहायशी आवास तथा मार्केट बनवा दिया।
वे अपना काम छोड़ अपने संपत्तियों की देखरेख करते हैं।
प्रधानी चुनाव में पानी की तरह बहाई रकम
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि क्षेत्र में कहीं कोई जमीन बिकती है
तो जमीरुल हसन सबसे पहले खरीदार होते हैं।
पहली बार जमीरुल हसन की अकूत कमाई तब चर्चा में आई जब इन्होंने प्रधानी के चुनाव में दावेदारी की।
चुनाव जीतने के लिए उन्होंने पानी की तरह धन बहाया।
ग्रामीणों की मानें तो हामिद के पिता ने जमीन के रूप में करोड़ों रुपये की संपत्ति एकत्रित कर रखी है।
सूत्र बताते हैं कि गांवों से लेकर महानगरों तक इस परिवार की जमीन की लंबी फेहरिस्त है,
जिसे खुद अथवा रिश्तेदारों के नाम से खरीदा गया है।
टेरर फंडिंग में नाम आने के बाद क्षेत्र में उनके अमीर बनने की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
फिलहाल हामिद अशरफ का नाम टेरर फंडिंग से जुड़ने के बाद जमीरुल हसन अपने रमवापुर कला स्थित आवास से फरार है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More