Delhi election 2020 : स्पष्ट हुआ मतदान का आंकड़ा, ‘आप’ के आरोप निकले बेबुनियाद

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत को लेकर चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस की।
आयोग ने रविवार को बताया कि इस बार दिल्ली में कुल 62.59 फीसदी मतदान हुआ,
जोकि लोकसभा चुनाव से दो फीसदी ज्यादा है।
दिल्ली कैंट में सबसे कम मतदान 45.4 फीसदी हुआ, जबकि बल्लीमारान सीट पर सबसे ज्यादा 71.61 प्रतिशत मतदान हुआ।
ओखला में 58.8 और सीलमपुर सीट पर 71.2 फीसदी मतदान हुआ।
‘आप’ के आरोप किए खारिज
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि अधिकारियों को मशीन लेकर आधे किलोमीटर तक पैदल चलना था।
अधिकारियों के हाथ में मशीन देखकर लोगों में भ्रम पैदा हुआ। सबकी मौजूदगी में ईवीएम सील की गईं।
उन्होंने कहा कि देर रात तक वोटिंग होती रही। उसके बाद वोटिंग मशीन रिसीविंग सेंटर लाई गईं,
जिसके बाद मशीनों को स्ट्रोंग रूम में रखा गया। 11 बजे से स्क्रूटनी शुरू की गई।
इस प्रक्रिया को पूरी होने में समय लगा।
उन्होंने कहा कि वोटिंग डेटा, रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा जारी किया जाता है जोकि रातभर व्यस्त थे,
फिर वे जांच में लग गए।
इसमें थोड़ा समय लगा है लेकिन डेटा को चढ़ाने में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।
कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिनसे चुनाव आयोग को लगता है कि पुलिस प्रशासन को अधिक सतर्क रहना चाहिए था,
इसीलिए चुनाव आयोग ने मामले का संज्ञान लिया।
देरी को लेकर ‘आप’ ने जताई थी नाराजगी
वोट प्रतिशत की घोषणा में देरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने खासी नाराजगी जाहिर की।
रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर आप नेता संजय सिंह ने ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि अंदर ही अंदर कुछ पक रहा है,
कोई खेल चल रहा है। 24 घंटे बाद भी वोटिंग का आंकड़ा जारी नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ये बताने को तैयार नहीं है कि कितना मतदान हुआ है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सिर्फ 70 विधानसभा सीटें हैं,
लेकिन अबतक आयोग ने मत प्रतिशत जारी नहीं किया है।
चुनाव आयोग स्पष्ट करे कि इतनी देरी क्यों हो रही है?
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इस पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि सबसे पहले पोलिंग बूथ से जानकारी इकट्ठा होती है।
उसके बाद चुनाव आयोग के पास पहुंचती है।
आयोग सभी जानकारियों को इकट्ठा करने के बाद ही आंकड़े जारी करता है।
आयोग ने कहा कि दिल्ली में 13000 पोलिंग स्टेशन हैं, इसीलिए देरी हो रही है।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आयोग पर आरोप लगाने के अंदाज में ट्वीट किया है कि यह चौंकाने वाली बात है।
चुनाव आयोग क्या कर रहा है? मतदान के इतने घंटों बाद भी आयोग वोटिंग के आंकड़े क्यों नहीं जारी कर रहा है?

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