दिल्ली का चुनावी रण : आप, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां बेचैन, एग्जिट पोल के फेर में गए फंस

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दिल्ली के चुनावी रण में उम्मीदवार अब मतदान और एग्जिट पोल के फेर में फंस गए हैं।
मतदान का सही आकलन नहीं मिलने से भी प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ गई है।
आप, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही पार्टियों के अधिकतर प्रत्याशियों का एक जैसा हाल है।
मतदान की देर रात तक समीक्षा बैठक में रहने के बाद रविवार सुबह कोई ज्योतिषी के पास पहुंचा
तो किसी ने खुद को अपने घर में ही कैद कर लिया।
भले ही आम आदमी पार्टी (आप) के लिए एग्जिट पोल के नतीजे से हौसले बुलंद है,
लेकिन स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम की सुरक्षा पर इन्हें भरोसा नहीं है।
24 घंटे बीतने के बाद भी मतदान का सही आकलन जब आयोग से नहीं मिला
तो आप के तमाम बड़े नेताओं ने कई सवाल खड़े कर दिए।
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पूर्वी दिल्ली की एक विधानसभा में तो भाजपा प्रत्याशी सुबह ज्योतिषी से मिले
और इसके बाद वे कमरे में कैद हो गए। उन्होंने न किसी परिवार के सदस्य से बात की
और न ही किसी से फोन पर।
ठीक इसी तरह पश्चिमी दिल्ली की सबसे अहम सीटों में से एक पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने 12 लोगों को ईवीएम पर नजर रखने के लिए तैनात कर दिया।
बीती रात इन एक दर्जन पहरेदारों के साथ इन्होंने अपने परिवार के लोगों को स्ट्रांग रूम के बाहर बैठा दिया।
शास्त्री नगर निवासी ज्योतिषाचार्य आचार्य अंबरीष कुमार शास्त्री ने बताया कि उनके पास रविवार को चार प्रमुख प्रत्याशी पहुंचे थे।
ये नेता अक्सर उनसे मिलने जाते हैं।
रविवार को चारों ही प्रत्याशियों की लगभग एक जैसी परेशानी थी, हार-जीत को लेकर।
वहीं दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आने वाली एक विधानसभा पर इस चुनाव में कड़ा मुकाबला बताया जा रहा था।
यहां के एक भाजपा प्रत्याशी बीती रात से अपने घर में हैं।
इन्होंने समर्थकों से भी मुलाकात नहीं की है।
इसी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रात में ही हरिद्वार रवाना हो गए।
अब वे सोमवार को लौटकर दिल्ली आएंगे।
इस बीच उनका फोन भी बंद आता रहा।
ऐसे ही उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र की एक विधानसभा के आम आदमी पार्टी प्रत्याशी रविवार को दिन भर छतरपुर स्थित मंदिर में पूजा करने पहुंचे।
वे दिन भर मंदिर में रहे और उन्होंने 24 घंटे के लिए मौन धारण किया है।
हालांकि प्रत्याशियों का डर और सदमा अब 11 फरवरी को परिणाम आने के बाद ही दूर हो सकेगा

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