कोरोनावायरस : वायरस को घोषित किया गया आपात संक्रमण, भारतीय अर्थव्यस्था पर जानलेवा असर!

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मौत के सौदागर कोरोनावायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आतंकवाद से अधिक खतरनाक बताया है
और इसकी गंभीरता को देखकर आपात संक्रमण घोषित कर दिया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण ने भारत को भी डरा दिया है।
नेपाल में 100 से अधिक लोगों में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है।
मालदीव, भूटान, म्यांमार की सरकारों में भी इसकी दहशत देखी जा सकती है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत ने पड़ोसियों से लगती सीमा पर जांच, पड़ताल काफी बढ़ा दी है।
राजनयिक सूत्र बताते हैं कि चीन की स्थिति बेहद चिंता जनक है।
अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में 1500 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।
30 हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं।
गैर आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में मरने वालों की संख्या हजारों में है।
भारत में मंत्रियों ने की समीक्षा : तैयारी उच्चस्तर पर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन के नेतृत्व में कोरोनावायरस के संक्रमण से पैदा हुई स्थिति से निबटने के लिए मंत्रियों के समूह की बैठक हुई।
इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय समेत अन्य मौजूद थे।

बैठक में कोरोना वायरस, इससे उत्पन्न स्थिति, भारत में संभावित खतरों एवं बचाव के उपाय,

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीयों को लेकर चिंता,
चीन से आयातित दवाओं और अन्य सामान समेत अन्य पहुलओं पर चर्चा हुई।

मंत्रियों ने कोरोना वायरस को लेकर की जा रही सावधानी समेत अन्य पर भी प्रकाश डाला।

माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का असर भारतीय अर्थव्यस्था पर भी गहराने के संकेत हैं।
क्या है कोरोनावायरस?
कई तरह के वायरसों का एक समूह है।
यह स्तनधारी और पक्षियों में संक्रमण पैदा करता है।
मनुष्यों में यह श्वास संबंधी रोग, सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, गले में दर्द, शरीर में ऐंठन और बुखार आता है।
डाइरिया के लक्षण उभरते हैं और शरीर में बहुत अधिक थकान का अनुभव होता है।

बताते हैं कोरोनावायरस के लक्षण उत्पन्न होने में करीब 14 दिन का समय लग सकता है।

इसकी चपेट में आने के बाद धीरे-धीरे मनुष्य एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम का शिकार हो जाता है।
डा. अश्विन चौबे बताते हैं कि ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में ले जाया जाता है।
संक्रमित मरीज के फेफड़ों में फ्लूइड भर जाता है।
जिसके कारण फेफड़े में आक्सीजन नहीं जा पाती, जिसका असर किडनी पर पड़ने लगता है।

धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर देते हैं

और मरीज की मृत्यु हो जाती है।
डा. अश्विन का कहना है कि चूंकि यह श्वास रोग से जुड़ा संक्रमण है,
इसलिए बहुत तेजी से फैलता है।
ऐसी स्थिति में मरीज का इलाज करने वाले चिकित्सकों की जरा सी असावधानी उनके लिए भी जानलेवा हो सकती है।
चीन से डरावने वीडियो हो रहे हैं वायरल
एक वीडियो वायरल हो रहा है।
इसमें एक गाड़ी पर बाक्स रखा है।
बाक्स में से एक महिला के चीखने की आवाज आ रही है।
एक दूसरे वीडियो में मास्क और सुरक्षित ड्रेस पहने कर्मी एक युवती को खीचकर एक केबिन नुमा गाड़ी में ले जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि ये लोग कोरोना वायरस से पीडित हैं।

बताते हैं चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण से पीड़ितों को जबन घर से बाहर निकालकर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ले जा रही है

और अन्य सदस्यों की गहन जांच की जा रही है।
कोरोनावायरस से प्रभावित क्षेत्रों को अन्य हिस्सों से बिल्कुल आइसोलेट कर दिया गया है।
ताकि यह संक्रमण और न फैलै। कहा तो यहां तक जा रहा है कि चीन में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 10-20 हजार के आंकड़े को पार कर गई है।
चीन ने ऐसे लोगों को अनाधिकारिक रूप से दफना दिया है।
ताकि हा-हाकार जैसी स्थिति मचने से रोका जा सके।
नहीं है कोई दवा
भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित एक मरीज का केरल में इलाज हो रहा है।
बताते हैं कि इसमें वायरस का संक्रमण बहुत गंभीर रूप ले पाया था।
इस मरीज की हालत में पहले की स्थिति से सुधार है।
चिकित्सक उम्मीद कर रहे हैं कि यह महिला स्वस्थ हो सकती है।
विदेश मंत्रालय के पास भी इसी तरह की जिम्मेदारी है।

हालांकि इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक कोई कारगर दवा या टीका विकसित नहीं हो सका है।

बताते हैं चीन समेत दुनिया भर के चिकित्सा विज्ञानी, वायरोलॉजी के एक्सपर्ट इस समय कोरोनावायरस की काट खोजने में लगे हैं।
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आयुष मंत्रालय ने जारी की होम्योपैथिक दवा
मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के तीन संदिग्ध पाए गए हैं।
इनके शरीर से नमूने लेकर जांच की जा रही है।
आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए आर्सेनिक एल्बम-30 तीन दिन तक खाली पेट सुबह पानी के साथ लेने की सलाह दी है।
इसके अलावा आयुर्वेद, युनानी पद्धति की इम्यून सिस्टम को सपोर्ट देने वाली तथा कोरोना के लक्षणों से निबटने में सक्षम,
वायरल संक्रमण पर काबू पाने वाली दवाओं को लेने के बारे में सलाह दी जा रही है।

अगस्त हरित रसायन को दिन में दो बार गरम पानी से पांच ग्राम, शेषमणि वटी दिन में दो बार या

तुलसी का पानी पीने की सलाह दी गई है।
आयुष मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार कोरोनावायरस से बचने के लिए खूब अच्छे से साबुन से हाथ धोना चाहिए।
हाथ को मुंह, नाक आदि के पास ले जाने से पहले अच्छी तरह से इसकी सफाई करनी चाहिए।
भारत ने क्या किया है अब तक?
रोकथाम और बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है।
इसको लेकर भारत ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर आने वालों की गहन जांच शुरू की है।
नेपाल से भारत में आने-जाने वालों को भी गहन जांच से गुजरना पड़ रहा है।
यही स्थिति म्यांमार आदि से लगती सीमाओं पर भी है।
ताकि कोई संक्रमित आकर भारत में और संक्रमण न फैला दे।
इसके लिए भारत ने 21 हवाई अड्डों पर गहन चिकित्सीय जांच प्रक्रिया आरंभ की है।
बंदरगाहों पर चिकित्सा जांच के समुचित इंतजाम है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि अब तक एक लाख से अधिक लोगों को गहन जांच (स्क्रीनिंग) गुजरा गया है।
सूत्र बताते हैं कि भारत में भी कुछ करोनो वायरस के मरीज आ गए हैं।
इन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखकर इनका गहन चिकित्सीय परीक्षण और इलाज किया जा रहा है।
  • अभी तक 2315 फ्लाइट्स, 2,49,447 लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
  • जापान, नेपाल, हांगकांग, द. कोरिया, सिंगापुर, थाईलैण्ड से आने वालों की गहन जांच जारी।
  • राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के 15 हजार से अधिक लोगों की मॉनिटरिंग जारी, 1,671 सैंपल टेस्ट के लिए लैब भेजे गए।
  • आईसीएमआर, पुणे का वाइरोलॉजी विभाग नोडल सेंटर
  • 14 क्षेत्रीय प्रयोगशाला परीक्षण के लिए तैयार
  • 645 भारतीय वुहान से भारत लाए गए। इन्हें आईटीबीपी की निगरानी वाली शिविर में जांच से गुजारा गया।

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