मैं बागी हूं और बागी ही रहूंगा : ओमप्रकाश राजभर

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लखनऊ, । उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पार्टी के 16वें स्थापना दिवस पर आयोजित महारैली में शक्ति प्रदर्शन कर योगी सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराया।

 

सत्ता का हिस्सा बनने के बाद से बागी तेवर दिखा रहे मंत्री राजभर ने साफ कहा कि मैं किसी का गुलाम नहीं हूं। मैं बागी हूं और बागी ही रहूंगा। मैं गुलाम हूं तो गरीबों, पिछड़ों का।
लखनऊ स्थित रमाबाई अम्बेडकर मैदान में आायोजित गुलामी छोड़ो समाज जोड़ो अतिपिछड़ा अतिदलित भागीदारी महारैली में राजभर केंद्र व यूपी की सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि
मुझे मंदिर मस्जिद नहीं चाहिए, शिक्षा में विकास चाहिए। वह यहां तक कह गए कि मेरा मन सरकार से ऊब गया है, भाजपा गरीबों हिस्सा नहीं देना चाहती इसलिए मैं सरकार से इस्तीफा देना चाहता हूँ। लेकिन कार्यकर्ता मुझे मना कर रहे हैं।
रैली को सम्बोधित करते हुए राजभर ने कहा कि मैं दलितों और पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहा हूं। 12 प्रदेशों में जाति के आधार पर आरक्षण का बंटवारा हुआ है पर यूपी में अब तक नहीं हुआ।
मैं अतिपिछड़ों की लड़ाई लड़ने आया हूं। सत्ता का स्वाद चखने या बिजनेस करने नहीं आया हूं। मैं काम करने के लिए आया हूं। लेकिन सरकार में पिछड़े लोगों की बात नहीं सुनी जा रही है।

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पिछड़े और दलितों के आरक्षण के कोटे में 3 कैटगरी बनाई जाएं।
ओबीसी में पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग व सर्वाधिक पिछड़ी जाति में बंटवारा हो और रने अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित 22.5 प्रतिशत आरक्षण को भी दलित, अति दलित व महादलित के बीच बांटा जाए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव के पहले मुझसे वादा किया था कि अति पिछड़ों को अलग से आरक्षण मिलेगा लेकिन अब तक नहीं मिला।
लेकिन दोनों अब वादा पूरा नहीं कर रहे है। अब लोक सभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने वाली है। लेकिन भाजपा अपना वादा भूल गई। राजभर ने कहा कि मैं किसी का गुलाम नहीं हूं।
मैं सिर्फ गरीबों, पिछड़ों का गुलाम हूं। मैं बागी हूं और बागी रहूंगा। मैं किसी सरकार का गुलाम नहीं हूं। मैं सिर्फ जनता का गुलाम हूं। सच्चाई की बात करता हूं।
इसी कारण मेरी बात पर लोग ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन आप सभी को भी पता है कि सच्चाई की ही जीत होती है। 
शराब बंदी की मांग उठाने हुए योगी सरकार में दिव्यांग कल्याण विभाग मंत्री राजभर ने कहा कि बिहार, गुजरात में शराब बंद है। लेकिन उत्तर प्रदेश में दो विभाग है।
एक  विभाग कहता है शराब मत पिओ और यूपी सरकार का ही दूसरा विभाग जो आबकारी है, उसके जरिए चाहे जहां ठेका खोल लो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी शराब बंद होनी चाहिए।
ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश का चार भागों में बंटवारा चाहते हैं। पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड, पश्चिमांचल में बंटवारा होना चाहिए।
मैं सत्ता सुख के लिए राजनीति में नहीं, जनता की सेवा के हूं। मेरा मन सरकार से ऊब गया है, ये गरीबों का हिस्सा नहीं देना चाहते। मैं आज इस्तीफा देने का मन बना कर आया हू।
भाजपा के लोगों ने हमारा मन तोड़ दिया। लेकिन समर्थकों ने रैली में उन्हें इस्तीफा देने से मना कर दिया।

 

राम मंदिर मुद्दा छेड़ते हुए मंत्री राजभर ने कहा कि सरकार मंदिर बनवाना चाहती हैं बार-बार मंदिर-मस्जिद कर रही है। भाजपा सरकार ने मंदिर मस्जिद में उलझाकर शिक्षा को किनारे कर रखा है।
मैं बोलता हूं हमें शिक्षा चाहिए कि ना कि मंदिर-मस्जिद। हमें शिक्षा में सुधार की जरूरत है। शिक्षा में सुधार नहीं करोगे तो लफड़े में नहीं पड़ेंगे। मुझे मंदिर और मस्जिद नहीं चाहिए मुझे शिक्षा चाहिए।
शिक्षा सुधार की बात छेड़ते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में  3.18 लाख पद खाली है। सूबे के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा का स्तर खराब है।
इसके बाद भी इस सरकार का ध्यान उधर नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले तो 35 साल पहले इन प्राथमिक विद्यालय में पढऩे वाले लोग डॉक्टर, आइएएस तथा बड़े-बड़े ओहदे पर जाते थे, लेकिन अब हालात बेहद दयनीय हैं।
अब तो शीघ्र 3.18 लाख शिक्षकों की भर्ती होनी चाहिए। इसके साथ ही बेहतर पढ़ाने वाले शिक्षकों की सैलरी बढ़े और मक्कारी करने वालों को सजा मिले। शिक्षकों की भर्ती में तमाम अनियमितता होती है।
इस भर्ती के लिए कानून बनना चाहिए। क्योंकि विकास के लिए शिक्षा की जरूरत है ना कि मंदिर-मस्जिद की।
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राजभर की रैली में लोक जनशक्ति पार्टी, उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष विमला देवी सुभासपा में शामिल हो गईं। 

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