उत्तर प्रदेश: शुरु होगा 20 अप्रैल से खनन उधोग

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उत्तर प्रदेश, भारत सरकार।
खदानों में शारीरिक दूरी के मानक अपनाते हुए न्यूनतम मजदूरों के साथ मशीनों के जरिए खनन कार्य हो सकेंगे। खदान पट्टाधारकों को संक्रमण से अपने यहां श्रमिकों व कर्मचारियों को बचाने के लिए उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना होगा। साथ ही मशीनों और वाहनों के सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था करनी होगी।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने सशर्त खनन की इजाजत देने संबंधी आदेश शनिवार को सभी जिलों को भेज दिए। उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण खनिजों की मांग काफी कम है। साथ ही एक जुलाई से मानसूत्र सत्र शुरू हो जाएगा। इसमें खनन पूरी तरह बंद रहता है। ऐसे में बालू, मौरंग आदि उपखनिजों के भंडारण की व्यवस्था अभी से कर ली जाए। भंडारण के लिए नए लाइसेंस जारी करने या पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया अतिशीघ्र पूरी की जाए।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने सभी जिलाधिकारियों को भेजे आदेश में कहा है कि सरकारी परियोजनाओं एवं अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में खनिजों की मांग के आधार पर इनकी आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर जितने भी हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं उनमें किसी भी प्रकार का खनन व परिवहन नहीं होगा। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आवश्यकता पड़ने पर जिलाधिकारी जिला खनिज फाउंडेशन से भी धनराशि खर्च कर सकते हैं।
अग्रिम भुगतान करने पर नहीं देनी होगी अप्रैल की किस्त
कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के कारण खनन कार्य बंद होने पर सरकार ने खनन उद्योग को प्रोत्साहित करने का भी निर्णय लिया है। खदान मालिक यदि अप्रैल माह में परिवहन किए जाने वाले खनिज की मात्रा के आधार पर अग्रिम भुगतान कर देते हैं तो उन्हें अप्रैल माह की किस्त नहीं देनी होगी। खदान पट्टाधारकों को अग्रिम भुगतान बिड दर के आधार पर करना होगा।

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