ED ने तीन साल में कुर्क की 33,500 करोड़ रुपये की संपत्ति

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प्रवर्तन निदेशालय ने तीन साल में रिकॉर्ड 33,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की और धन शोधन से जुड़ी जांच में 390 आरोप पत्र दाखिल किये। सिंह रविवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ईडी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन वर्ष के दौरान मामले पंजीकृत करने, संपत्ति जब्त करने और आरोपपत्र दाखिल करने में जबरदस्त तेजी दर्ज की गयी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 2015 से अब तक 33,563 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की की है जबकि इससे पहले 2005 से 2015 के बीच (10 वर्ष) में यह आंकड़ा 9,003 करोड़ रुपये था।
गौरतलब है कि, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी एस के मिश्रा ने सिंह की जगह ले ली है। सरकार ने शनिवार को मिश्रा को ईडी प्रमुख बनाने की घोषणा की थी।
सिंह ने 2015 में प्रवर्तन निदेशालय का कार्यभार संभाला था। सिंह को धन शोधन, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और भ्रष्टाचार के कुछ अहम् मामलों में तेजी से जांच करने का श्रेय जाता है।
इनमें अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामला, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मनी लांड्रिग का मामला, राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्टरंिलग बायोटेक,
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की बैंकों के साथ धोखाधड़ी जैसे मामले शामिल है। इसके अलावा इसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोयला घोटाले की जांच भी शामिल है।
इस दौरान 390 आरोप पत्र या अभियोजन शिकायतें दाखिल की हैं। इसकी तुलना में पिछले 10 वर्ष में सिर्फ 173 आरोप पत्र दाखिल किये गये थे।
ईडी ने तीन साल में संपत्ति जब्त करने के लिये 565 अस्थायी आदेश जारी किये, जो कि इससे पहले के 10 वर्ष में 492 थे।
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पिछले तीन वर्षों में एजेंसी के कर्मचारियों की संख्या 682 से बढ़कर करीब 1,033 हो गयी।
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