बंटवारे के लिए भारतीय भी बराबर के जिम्‍मेदार: हामिद अंसारी

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पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक पुस्तक के विमोचन के समय विवादित बयान दिया है, जिसमें अंसारी ने कहा है कि भारत विभाजन के लिए सिर्फ पाकिस्तान, जिन्ना और अंग्रेज ही जिम्मेदार नहीं है, इसके लिए हिंदुस्तान और हिंदुस्तानी भी जिम्मेदार हैं।
भाजपा ने पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर ‘विवादित बयान’ देने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि अंसारी को ‘मुस्लिम पूर्वाग्रह’ दिखाने के लिए जाने जाते हैं।
मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और मध्यप्रदेश चुनाव के मीडिया प्रभारी संबित पात्रा ने पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा भारत विभाजन को लेकर दिए गए बयान पर आक्रोश जाहिर करते हुए अंसारी से माफी मांगने की मांग की है।
वहीं, पात्रा ने भारत विभाजन के समय सरदार पटेल के रुख पर मौन साध लिया। अंसारी के बयान का जिक्र करते हुए पात्रा ने कहा, “अंसारी ने कहा है कि भारत के विभाजन के लिए सिर्फ जिन्ना जिम्मेदार हैं, ऐसा नहीं है,
सरदार पटेल भी भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार हैं।” पात्रा ने कहा कि सरदार पटेल ने देश को एक रखने का प्रयास किया है, अंसारी को इस बयान के लिए खेद व्यक्त करना चाहिए, माफी मांगनी चाहिए। पात्रा से जब सवाल किया गया कि
क्या पटेल ने भारत के विभाजन का विरोध किया था? तो उन्होंने पटेल द्वारा देश की एकता के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया, मगर पटेल के रुख पर कुछ नहीं कहा।
पात्रा ने आगे कहा कि दस साल तक भारत के उप राष्ट्रपति रहने के बाद भी अंसारी मुस्लिम होने के नाते असुरक्षित महसूस करते हैं।
बता दें कि भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता हामिद अंसारी ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि बंटवारे के लिए पाकिस्तान अकेला जिम्मेदार नहीं था। भारत भी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार था।
न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक अंसारी ने कहा कि हम यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि हम समान रूप से बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे।
अंसारी ने आगे कहा कि लोग विश्वास करना पसंद करते हैं कि सरहद पार के लोग (पाकिस्तान) और ब्रिटिश भारत के बंटवारे के जिम्मेदार थे।
कोई भी यह स्वीकार नहीं करना चाहता कि भारत और भारतीय इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार थे।
पूर्व उप राष्ट्रपति ने इस दौरान आजादी से चार दिन पहले, 11 अगस्त, 1947 को पूर्व गृहमंत्री सरदार पटेल के एक भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि पटेल ने दिल्ली के अपने भाषण में कहा था कि उन्होंने महान विचार विमर्श के बाद यह कदम उठाएं।
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अंसारी ने दावा किया कि पटेल ने अपने भाषण में कहा था कि विभाजन के पिछले विरोध के बावजूद, वह आश्वस्त थे कि भारत को एकजुट रखने के लिए इसका बंटवारा किया जाना चाहिए। ये भाषण पटेल के रिकॉर्ड में अभी भी है।

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