2823 फर्जी बीएड डिग्री धारक अध्यापकों पर गिरी गाज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निरस्त की उनकी नियुक्ति

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-हाईकोर्ट का 814 टीचरों के बारे में विश्वविद्यालय को तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश
-निर्णय में देरी पर कुलपति कुलसचिव व अन्य के वेतन से होगी कटौती
प्रयागराज | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि फ्राड और न्याय एक साथ नही रह सकते।
फर्जी डिग्री से हुई नियुक्ति शून्य एवं अवैध है। ऐसी टीचरों की नियुक्ति को निरस्त कर बर्खास्त
करने के लिए विभागीय जांच की जरूरत नहीं है।कोर्ट ने एसआईटी जांच रिपोर्ट एवं डा भीमराव
अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की रिपोर्ट के बाद सत्र 2005 के बी एड की फर्जी डिग्री के आधार
पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त सहायक अध्यापकों की बर्खास्तगी
को वैध करार दिया है।कोर्ट ने कहा है कि जिनकी डिग्री सही है, उन्हे बहाल कर वेतन भुगतान
किया जाय।कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि सरकार फर्जी अध्यापकों से वसूली करने के
लिए स्वतंत्र हैं।यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी ने सहायक अध्यापिका नीलम चौहान
सहित 608 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है।विश्वविद्यालय ने 3637 फर्जी छात्रों को
नोटिस दी । जिसमे से 2823 ने जवाब नही दिया ।शेष 814 ने जवाब दिया है।
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जिसके बारे में निर्णय लिया जाना है।कोर्ट ने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा को 3 माह
में 814 छात्रों के बारे मे निर्णय लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि निर्णय नही लिया
जाता तो सरकार 814 सहायक अध्यापकों के वेतन का 10 फीसदी कुलपतिएकुलसचिव व दोषी
अन्य अधिकारियों के वेतन से कटौती सुनिश्चित करे।कोर्ट ने कहा है जिन अध्यापकों की डिग्रियां
सही है उन्हें बहाल किया जाए । किंतु जिन अध्यापकों की डिग्रियां सही नहीं है तथा उनमें
छेड़छाड़ की गई हैऐसे अध्यापकों की नियुक्ति को रद्द करना वैध है।कोर्ट ने कहा कि 814
अध्यापकोंए जिनके बारे में अभी विश्वविद्यालय को जांच कर निर्णय लेना हैनिर्णय होने तक इनके
विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई न की जाए।कोर्ट ने विश्वविद्यालय को अन्य कार्यवाही पूरी करने के
लिए छः महीने का समय दिया है।मालूम हो कि 2004.05 मे वित्तीय एवं गैर वित्तीय सहायता
प्राप्त कालेजों में बी एड कोर्स की भर्ती परीक्षा ली गयी ।इनमें 57 कालेज सहायता प्राप्त एवं 25
कालेज स्व वित्तपोषित है।कुल 8150 सीट है। काउन्सिलिंग एवं प्रबंधक कोटे से प्रवेश दिया गया।
कालेजों ने स्वीकृत सीटो से अधिक छात्रों का प्रवेश लिया। हाईकोर्ट के आदेश पर बी एड परीक्षा
का परिणाम घोषित कर दिया गया।हजारों लोगो ने अध्यापक भर्ती मे आवेदन करके नौकरी
हाशिल कर ली। फर्जी डिग्री की शिकायत की जांच एस आई टी को सौपी गई।जिसने 14 अगस्त
2017 को रिपोर्ट दी।जिसके आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने फर्जी डिग्री वाले
हजारो अध्यापकों की नियुक्ति रद्दए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।जिसे हाईकोर्ट में चुनौती
दी गयी थी।कई ऐसे अध्यापक है एजो फर्जी छात्र थे।फर्जी डिग्री धारी अध्यापकों पर गाज गिरी
है।कोर्ट ने सरकार को कानूनी कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है।

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