भारतीय सेना ने हंदवाड़ा आतंकी हमले का बदला कैसे लिया, देखें रिपोर्ट

0
सेना ने हंदवाड़ा के अपने वीर जवानों की शहादत का तीन दिन बाद बदला ले ही लिया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के बेगपोरा गांव में बुधवार दोपहर तक करीब 12 घंटे चली मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर रियाज नायकू मार गिराया गया। सेना ने सुरंग में छिपे नायकू और उसके साथी आतंकी को तकरीबन 40 किलो आईईडी विस्फोट से उड़ा दिया।

Handwara attack

12 लाख का इनामी नायकू मोस्ट वांटेड आतंकियों की ए प्लस प्लस श्रेणी में शामिल था। इसके अलावा पुलवामा के ही शरसाली गांव में एक अन्य मुठभेड़ में दो और आतंकी भी मारे गए हैं। इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
Handwara terror
ऑपरेशन में शामिल सुरक्षाबलों का दावा है कि इंसानियत के दुश्मन नायकू और उसके साथियों के खात्मे के साथ ही दक्षिण कश्मीर आतंकवाद से तकरीबन मुक्त हो गया है।

Handwara attack

दरअसल, 35 वर्षीय नायकू की तलाश बीते आठ साल से थी। हंदवाड़ा हमले के बाद सेना उसके पीछे बीते तीन दिन से लगी थी।
Handwara terror
सेना को पुलवामा में नायकू के गांव बेगपोरा में कुछ साथियों के साथ उसके एक सुरंग में छिपे होने की खुफिया सूचना मिली थी। नायकू अपनी बीमार मां और परिवार वालों से मिलने गांव आया था।

Handwara attack

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से मंगलवार रात 11 बजे ऑपरेशन शुरू किया और रात 12 बजे के आसपास आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हुई। इस जगह पर करीब 15 घर हैं, जहां से नागरिकों को पहले सही सलामत बाहर निकाल लिया गया।

Handwara terror

आखिरकार जब नायकू बुधवार सुबह तक बाहर नहीं आया तो सुरक्षाबलों ने आईईडी से उस घर को उड़ा दिया था, जिसके नीचे सुरंग में नायकू छिपा था। नायकू और उसके साथी के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस बीच घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।

Handwara attack

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More