नई दिल्ली : 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में किसको क्या मिला जानिए

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी आखिरी चरण की घोषणाएं की। कोरोना वायरस संकट के बीच
लाए गए इस पैकेज में सरकार की ओर से किसानों, प्रवासी मजदूरों, नौकरीपेशा वर्ग, MSMEs और NBFCs के लिए कई तरह के राहत उपायों की घोषणा की गई है।
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इसके अलावा कोयला, खनिज उत्खनन, विमानन सहित आठ क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा देने की बात सरकार की ओर से कही गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प जताते हुए मंगलवार को इस पैकेज की घोषणा की थी।
वित्त मंत्री ने बुधवार से रविवार तक पांच किस्त में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों और प्रस्तावित कदमों की जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) की घोषणा करते हुए पात्र कंपनियों के लिए मार्च, अप्रैल और मई महीने का ईपीएफ योगदान भारत सरकार द्वारा देने की बात कही थी।
सरकार ने अब इस राहत को तीन महीने और बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि अब पात्र कंपनियों के लिए जून, जुलाई और अगस्त में भी ईपीएफ का कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से का अंशदान केंद्र सरकार की ओर से ही किया जाएगा।
केंद्र के इस निर्णय से कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को फायदा होगा।
वित्त मंत्री के मुताबिक इस फैसले से 3.67 लाख कंपनियां और 72.22 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
वित्त मंत्री ने राहत पैकेज का एलान करते हुए पीएफ फंड में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंशदान को 12-12 फीसद से घटाकर 10-10 फीसद करने के फैसले की जानकारी दी।
पीएफ फंड में अंशदान में कमी अगले तीन माह के लिए है।
हालांकि, सीपीएसई और राज्यों के पीएसयू पीएफ फंड में पहले की तरह 12 फीसद के हिसाब से ही अंशदान करेंगे।
वित्त मंत्री ने लॉकडाउन से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSMEs) के लिए कई तरह के उपायों की घोषणा की।
उन्होंने MSME सेक्टर के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के लोन की सुविधा देने का बुधवार को एलान किया।
यह कॉलेट्रल फी लोन स्कीम है, जिससे 45 लाख MSMEs को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि MSMEs को चार साल के लिए यह लोन दिया जाएगा।
इसके साथ ही लोन मिलने के पर 12 महीनों तक MSMEs को मूलधन चुकाने की जरूरत नहीं होगा। उन्होंने MSMEs के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स बनाने की भी घोषणा की।
सरकार ने नॉन-सैलरीड पेमेंट को छोड़कर अन्य तरह के पेमेंट पर TDS रेट में 25% की कटौती की घोषणा की है।
इसके साथ ही TCS रेट में भी 25% की भारी कमी की गई है।
सरकार के मुताबिक कॉन्ट्रैक्ट, प्रोफेशनल फीस, ब्याज, रेंट, लाभांश, कमीशन ब्रोकरेज जैसे भुगतान पर TDS रेट में कटौती का लाभ मिलेगा।
यह कटौती 14 मई, 2020 से प्रभावी हो गई है और 31 मार्च, 2021 तक के पेमेंट्स के लागू रहेगी।
सरकार के मुताबिक इससे लोगों को 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी मिलेगी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 की आयकर रिटर्न भरने की सभी तरह की मियाद बढ़ा दी है।
अब पिछले वित्त वर्ष का आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया गया है।
सरकार ने टैक्स ऑडिट की मियाद को भी 30 सितंबर, 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2020 करने का निर्णय किया है।
सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए यह एलान किया है।
इस घोषणा के तहत बिना किसी राशन कार्ड के भी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज का वितरण किया जाएगा।
इस योजना के तहत सरकार अगले दो माह तक प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम निशुल्क अनाज प्रति माह के हिसाब से देगी।
सरकार अगले दो माह तक हर परिवार को प्रति माह एक किलोग्राम चना भी देगी।
सरकार की इस पहल से आठ करोड़ श्रमिकों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इस मद में सरकार 3,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस योजना के लागू होने के बाद प्रवासी मजदूर देश के किसी भी कोने में अपने हिस्से का राशन ले सकेंगे।
अगस्त, 2020 तक इससे 67 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही मार्च 2021 तक 100 फीसद कवरेज की उम्मीद सरकार को है।
केंद्र सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों यानी स्ट्रीट वेंडर्स को आसान शर्तों पर 10,000 रुपये तक का लोन देने की घोषणा की है। सरकार एक माह के भीतर यह स्कीम लाएगी।
इससे 50 लाख स्ट्रीट-वेंडर्स को राहत मिलने की उम्मीद है। इस योजना पर सरकार 5,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस योजना के तहत डिजिटल पेमेंट की सुविधा देने स्ट्रीट वेंडर्स को सरकार प्रोत्साहित करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम किसान के लाभार्थियों को KCC के जरिए रियायती दरों पर कर्ज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में अब मछुआरों और पशुपालकों को भी शामिल किया जाएगा।
इस फैसले से मछुआरों और पशुपालकों को भी कम ब्याज पर संस्थागत ऋण मिलेगा। सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
सरकार ने केसीसी के जरिए और दो लाख करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य रखा है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि Essential Commodities Act में संशोधन किया जाएगा। इसका लक्ष्य किसानों को फसल का बेहतर दाम दिलाना है।
नियमों में संशोधन के बाद Cereals, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों के मूल्य एवं भंडारण को रेगुलेट नहीं किया जाएगा।
बाढ़, सूखा या राष्ट्रीय आपदा जैसी असाधारण परिस्थितियों में ही इन्हें रेगुलेट किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा है कि Essential Commodities Act में संशोधन किया जाएगा। इसका लक्ष्य किसानों को फसल का बेहतर दाम दिलाना है।
नियमों में संशोधन के बाद Cereals, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों के मूल्य एवं भंडारण को रेगुलेट नहीं किया जाएगा।
बाढ़, सूखा या राष्ट्रीय आपदा जैसी असाधारण परिस्थितियों में ही इन्हें रेगुलेट किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने कहा है कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने शनिवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने डिफेंस प्रोडक्शन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेक इन इंडिया पर जोर दिया।
उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार कुछ रक्षा उपकरणों एवं प्लेटफॉर्म के आयात को प्रतिबंधित करेगी।
इसके लिए हर साल एक लिस्ट को अधिसूचित किया जाएगा। ऐसे उपकरणों की खरीद केवल देश के अंदर से ही की जा सकेगी।
सरकार ने नए और आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी लाने की घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा कहा कि इस पॉलिसी के तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। वहीं,
सरकार कुछ सेक्टर्स को स्ट्रेटिजक सेक्टर के रूप में अधिसूचित करेगी। वित्त मंत्री के मुताबिक अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में पब्लिक सेक्टर की कम-से-कम एक कंपनी होगी।
वहीं इसमें अधिकतम चार पब्लिक सेक्टर कंपनियां रह सकती हैं। स्ट्रैटिजिक सेक्टर में निजी कंपनियां भी अपनी भूमिका निभाएंगी।
केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए बजट आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है।
इससे ग्रामीण इलाकों की तरफ लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को अधिक काम मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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